मथुरा। कोरोना महामारी के बीच लोगों के सामने एक और आफत आ खड़ी हुई है। जिले में तीन कोेरोना मरीजों को ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए हैं। मथुरा, वृंदावन और राया में एक-एक केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगल के मरीजों के आगे बेबस नजर आ रहा है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन तीन केसों को ट्रैस करने के बाद किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया है।
अभी तक कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों के सामन अब कोरोना से ठीक होने के ब्लैक बंगस ने घेरना शुरु कर दिया है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को ब्लैक फंगस के तीन केस मथुरा जनपद में सामने आए हैं। इनमें एक केस मथुरा के महोली रोड निवासी एक व्यक्ति है। जो कि कुछ दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव थे। लेकिन उपचार के बाद सही हो गए। फिर से स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति में जब डॉक्टरों ने इनका जांच की तो चौकाने वाला मामला सामने आया। पता चला कि कोविड संक्रमित रहे व्यक्ति को ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस पाया गया है। उन्हें डॉक्टरों ने जयपुर रैफर कर दिया है।
वहीं वृंदावन के रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में उपचार कर रही वृंदावन वनखण्डी क्षेत्र निवासी 70 वर्षीय महिला को कोरोना महामारी से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आ गई हैं। जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली ल जाने की सलाह दी। बहरहाल महिला को कोरोना से ठीक हो जाने के अस्पताल ने छुट्टी देकर भाग भेज दिया। वहीं राया निवासी एक व्यक्ति को भी ब्लैक फंगस पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग उनसे मरीज और उसके परिजनों से लगातार संपर्क करने का प्रयास कर रहा है।
मथुरा जिले में तीन ब्लैक फंगस केसों की पुष्टि कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. भूदेव ने की है। उन्होंने कहा कि तीनों केसों से संपर्क कर उनकी वर्तमान स्थिति जानी जा रही है। अभी महोली रोड मथुरा निवासी व्यक्ति का जयपुर के अस्पताल में उपचार चल रहा है। वृंदावन की वृद्ध महिला को रामकृष्ण मिशन अस्पताल से छु्ट्टी दे दी है। जबकि राया वाले मरीज से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया जा रह है।