Sunday, November 24, 2024
Homeन्यूज़न्यूज़पांच दिनों तक पड़ा रहा कोरोना से मृत पति का शव, सहायता...

पांच दिनों तक पड़ा रहा कोरोना से मृत पति का शव, सहायता को नहीं आया कोई तो पत्नी ने दी मुखाग्नि

मुंगेर। दुनिया में तबाही मचाने और घरों को बर्वाद करने वाले इस कोरोना वायरस ने दुनिया के न जाने कितने ही रंग दिखाए। दूसरे तो दूसरे अपने भी पराए हो गए। पर यह कोरोना पति और पत्नी के रिश्ते को अलग न कर सका। ऐसा ही एक मामला सामने आया। जहां जब किसी अपनों ने मदद नहीं की तो कोरोना से पति की मौत के पांच दिन बाद उसका दाहसंस्कार पत्नी ने खुद किया।

बिहार के मुंगेर के नायरामनागर थाना क्षेत्र में पश्चिमी पाटम पंचायत के बरईचक पाटम निवासी खुद्दी मंडल का 40 वर्षीय पुत्र विकास कुमार लगभग 1 सप्ताह से काफी बीमार था। जिसके बाद उसकी सास समस्तीपुर निवासी मीणा देवी ने अपनी पुत्री कंचन देवी और दामाद विकास को इलाज के लिए बेगूसराय बुलाया।

बच्चों की सुरक्षा की खातिर मां रही 14 क्वरंटीन कैप में

जहां कंचन देवी अपने पति को लेकर 13 मई को बेगूसराय सदर अस्पताल पहुंची। जहां उसी दिन उसका कोविड-19 जांच किया गया। उसी दिन देर रात उसकी मौत हो गयी। इधर विकास की मौत के अगले दिन 14 मई को उसकी जांच रिर्पोट कोरोना पॉजिटिव आई। जिसके बाद सदर अस्पताल के अधिकारियों द्वारा कंचन देवी को भी जांच कराने की सलाह दी गई। साथ ही कुछ दिन क्वारेंटाइन में रहने को कहा। जिसके बाद कंचन देवी अपने 2 पुत्र और 1 पुत्री की सुरक्षा के लिए खुद ही वहां के एक स्कूल में बने क्वारेंटिन कैंप में चली गयी। जबकि उसकी मां मीणा देवी बच्चों को लेकर समस्तीपुर चली गयी।

चार दिनों तक कंचन देवी की मदद को नहीं आया कोई

इन चार दिनों में कंचन किसी अपने के आने की आशा देखती रही पर कोई नही आया। रिश्तेदारों ने न तो कंचन देवी का हालचाल जानने का प्रयास किया और न ही किसी ने संपर्क किया तो कंचन देवी चार दिन बाद बेगूसराय सदर अस्पताल पहुंची। जहां उसके पति का शव पांच दिनों से रखा हुआ था। कंचन देवी ने बताया कि उसके पति का शव पांच दिनों तक बेगूसराय सदर अस्पताल में मुर्दाघर में पड़ा रहा। जबकि वह खुद क्वारेंटिन कैंप में रही। लेकिन इस दौरान उसके किसी रिश्तेदार ने उसकी मदद नहीं की। जिसके बाद वह सदर अस्पताल पहुंची।

प्रशासन की मदद से हो सका अंतिम संस्कार

कंचन ने बताया कि काफी भटकने के बाद बेगूसराय के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उसके पति के शव का दाह संस्कार कराया। उसने बताया कि उसका पति विकास कुमार कोरोना पॉजिटिव था। जिसके कारण उसने अपने दोनों पुत्रों की सुरक्षा के लिए खुद पति के शव को मुखाग्नि दी। कंचन देवी के मुताबिक उसके काफी रिश्तेदार हैं। लेकिन उसके परिवार में उसके पति विकास कुमार के अलावा कोई नहीं है। क्योंकि 10 साल पूर्व शादी के बाद ही उसके सास और ससुर का देहांत हो गया। जबकि उसके दो पुत्र और एक पुत्री है। अब उसके पति की मौत के बाद कोई उनकी मदद को आगे नहीं आ रहा। उसने बताया कि विकास मजदूरी करता था, जिससे परिवार चलता था।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments