संस्थान के पूर्व छात्र रहे डॉ. अभिषेक शर्मा ने ऑनलाइन वेबिनार में दिए टिप्स
मथुरा। कोरोना संक्रमण के दौर में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को सुचारु रखने के लिए ब्रज के लोकप्रिय शिक्षा-चिकित्सा संस्थान के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में दो दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का शुभारम्भ संस्थान के प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी द्वारा किया गया। इस वेबिनार में के.डी. डेंटल कॉलेज के पूर्व छात्र रहे और वर्तमान में तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर, मुरादाबाद में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. अभिषेक शर्मा ने छात्र-छात्राओं को बेसिक इम्प्लांटोलॉजी की बारीकियों और तकनीक से अवगत कराया।
पहले दिन डॉ. अभिषेक शर्मा ने बेसिक इम्प्लांटोलॉजी योजना और निष्पादन विषय पर अपने सारगर्भित उद्गार व्यक्त किए। डॉ. शर्मा, डेंटियम इम्प्लांट्स के क्षेत्र में भारत के एक प्रमुख ओपीनियन लीडर भी हैं। वेबिनार में छात्र-छात्राओं को बेसिक इम्प्लांटोलॉजी की बारीकियों और तकनीक पर जानकारी देने से पहले भावी चिकित्सकों से कहा कि वह आज अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि वे आज जो कुछ भी हैं, उसमें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल का बहुत बड़ा योगदान है।
डॉ. शर्मा ने वेबिनार के पहले दिन छात्र-छात्राओं को इम्प्लांट सर्जिकल चरण और उपचार योजना की मूलभूत बातों पर गहन जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बेसिक इम्प्लांटोलॉजी का इस्तेमाल दंत चिकित्सा में दांतों को फिर से स्थापित करने के लिए किया जाता है, जो देखने में दांत या दांतों के समूह की तरह लगते हैं। उन्होंने कहा कि इक्कीसवीं सदी में की जाने वाली बेसिक इम्प्लांटोलॉजी देखने में दांतों की एक वास्तविक जड़ की तरह लगती है तथा इसे हड्डी के भीतर स्थापित किया जाता है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि रूट-फॉर्म एंडोसियस इम्प्लांट्स के आगमन से पहले ज्यादातर प्रत्यारोपण ब्लेड एंडोसियस इम्प्लांट्स होते थे, जिनमें हड्डी के भीतर लगाए जाने वाले धातु के टुकड़े की आकृति देखने में चपटे ब्लेड की तरह लगती थी। दूसरे दिन उन्होंने इम्प्लांट प्रोस्थेटिक घटकों, प्रोस्थेटिक विकल्पों, इम्प्लांट इम्प्रेशन और केस प्रजेंटेशन पर अपने अनुभव साझा किए। डॉ. शर्मा ने बताया कि बेसिक इम्प्लांटोलॉजी का इस्तेमाल दांत के ऊपरी भाग, प्रत्यारोपण समर्थित पुल या बनावटी बत्तीसी सहित कई बनावटी दांतों की पंक्ति (डेंटल प्रॉस्थेसिस) को सहारा देने के लिए किया जाता है।
वेबिनार के समापन अवसर पर प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने डॉ. अभिषेक शर्मा का आभार माना। इस दो दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार के सफल आयोजन में संस्थान के प्राध्यापकों तथा प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया का अहम योगदान रहा। छात्र-छात्राओं ने डॉ. अभिषेक शर्मा द्वारा दी गई जानकारी को बहुत उपयोगी बताया।