नई दिल्ली। जूनियर रेसलर सागर धनखड़ मर्डर केस में ओलंपियन सुशील कुमार को गिरफ्तारी के बाद एक और बड़ा झटका लगा है। उत्तरी रेलवे ने सुशील पर लगे हत्याकांड के आरोपों के बाद उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया है। नॉर्दन रेलवे की प्रवक्ता दीपक कुमार की ओर से यह जानकारी दी गई है।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने सुशील कुमार की ओर से किया गया नौकरी बढ़ाने का आवेदन खारिज कर दिया था। सरकार की ओर से उसे उत्तर रेलवे विभाग को भेज दिया था जहां वह कार्यरत थे। सुशील दिल्ली सरकार में 2015 से डेप्यूटेशन पर थे और उनका कार्यकाल 2020 तक बढ़ा दिया गया था लेकिन वह इसे 2021 में भी बढ़वाना चाहते थे।
पद्म अवॉर्ड पर भी खतरा?
मर्डर केस में गिरफ्तारी के बाद अब सुशील को मिले पद्म पुरस्कार पर भी काले बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि इस बारे में कोर्ट का फैसला आने के बाद ही गृह मंत्रालय अगला कदम उठा सकता है। सुशील कुमार में खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए 2011 में पद्म श्री से नवाजा जा चुका है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई को रेसलर सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर हमला हुआ था। इस दौरान उनके साथ काफी मारपीट की गई. इसी हमले में सागर धनखड़ की मौत हो गई और उनकी हत्या का आरोप सुशील कुमार के अलावा उसके कुछ साथी पहलवानों पर लगा है।
कैसा रहा सुशील का करियर?
सुशील कुमार देश के सबसे प्रतिष्ठित रेसलर गिने जाते हैं। सबसे पहले उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। यही नहीं 2012 में लंदन में हुए अगले ओलंपिक में सुशील ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. दो ओलंपिक पदक जीतने वाले वे भारत के पहले खिलाड़ी और रेसलर थे। सुशील को राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।