कई तरह के बाजारों के बारे में आपने सुना होगा, सबसे मंहगे और सबसे सस्ते बाजार भी आपने देखे होंगे लेकिन आज में आपको जो बाजारों के बारे में बताने वाला हूं वो सबसे अलग है और साथ ही दुनियाभर में मशहूर भी! इन बाजारों कोा’ङ्मं३्रल्लॠ टं१‘ी३२ कहा जाता है । ये नावो पर लगते है , साथ ही खरीददार और दुकानदार दोनों नावो पर ही सवार रहेते है । तो आईये जानते है ऐसे ही एशिया के सबसे मशहूर तैरते बाजारों के बारे में-
- डैम्नो सैडोक फ्लोटिंग मार्केट:
थाईलैंड में कई फ्लोटिंग मार्केट्स है पर उनमेसे सबसे खास डैम्नो सैडोक बाजार है । यहाँ पर हर विक्रेता अपनी-अपनी नाव पर सवार रहता है , यहाँ ताज़े फल और सब्जियाँ मिलती है जो की ज्यादातर इन विक्रेताओ के द्वारा ही उगाई जाती है , इस बाजार के पीछे एक इतिहास भी है
यहाँ राजा राम के शासनकाल में यहाँ कोई नहर या नदी नहीं थी । ऐसे में यहाँ के स्थानीय लोगो और सैनिको द्वारा इस नहर का निर्माण किया गया । और इसका नाम रख दिया डैम्नो सैडोक बाजार , तभी से यहाँ पर बाजार लगता है ।
- कैन थो फ्लोटिंग मार्केट :
कैन थो सिटी से 3 मिल की दूरी पर मेकोंग डेल्टा पर एक बहुत बड़ा फ्लोटिंग मार्केट लगता है , यहाँ पर सैंकड़ो नावो पर खाना,फल,सब्जियाँ और पौधे आदि बेचे जाते है । विक्रेता लंम्बे बांसों पर चीज टांग देते है ताकि खरीददार को दूर से ही वो चीज दिख जाये । ये बाजार सुबह-सुबह लगता है और यहाँ समय पूर्व आने पर उगते सूरज की लालिमा देखने का आनंद भी प्राप्त होता है। - बैंजारमेर्सीन फ्लोटिंग मार्केट :
ये बाजार बरीतो नदी पर लगता है । यहाँ पर विभिन्न स्थानीय हस्तकलाए,मसाले,फल और सब्जिया बिकती है , और दूसरे बाजारों के देखते यहाँ आपको काफी कुछ खास मिल सकता है। - एबरडीन फ्लोटिंग मार्केट :
ये बाजार से कुछ अधिक है , यहाँ पर 600 ऐसी नांव है जिसमे करीब 6,000 लोग निवास करते है , ये टांका लोग है जो 7वीं से 9वीं सदी में यहाँ आकर बसे थे । मछली पकड़ना इनकी संस्कृति में शामिल है । ये जगह एबरडीन हार्बर पर स्थित है , यहाँ पर आपको मछलियों के साथ-साथ कई ऐसे रेस्टोरेंट भी मिल जाएँगे जो बढ़ियासी फ़ूड बेचते है।
- श्रीनगर फ्लोटिंग मार्केट:
डल झील पर हर सुबह 5 से 7 बजे बाजार लगता है और यहाँ फूल,फल,सब्जिया आदि बिकती है , ज्यादातर सामान आते ही बिक जाता है । इसलिए आओ ये विश्वास कर सकते है की यहाँ का सारा सामान बिलकुल ताज़ा होता है । झील के इर्द-गिर्द 1,250 एकड़ में सब्जियों की खेती की जाती है । यहाँ आकर आपको सामान ही नहीं बल्कि एक संस्कृति देखने को मिलेगी साथ ही बेहतरीन नज़ारे और कमल के फूल भी देखने को मिलेंगे ।