मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों के आमूलचूल परिवर्तन के साथ आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अधिकांश पाठ्यक्रमों को इस तरह से तैयार किया गया है कि वे रोजगार पाने के लिए सहज हों। विश्वस्तरीय मांग के अनुरूप विद्यार्थियों की शिक्षा हो और वे कौशल से युक्त हों। इसके अलावा आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों, यूनानी चिकित्सा की शिक्षा में डिग्री हासिल कर चिकित्सा क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा कर सकें। पैरा मेडिकल, कृषि, फैशन, इंजीनियरिंग, एमबीए जैसी परंपरागत शिक्षा में मांग के अनुरूप अनेक परिवर्तन हुए हैं। इन क्षेत्रों में आज भी ज्ञान और कौशल की बड़ी जरूरत महसूस की जा रही है।
विवि द्वारा पूर्व से ही व्यक्तिगत रूप से, फोन से अथवा आनलाइन काउंसलिंग और प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। वर्तमान परिस्थितियों और विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय ने आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को और आसान व सुविधाजनक बनाया है। देश-विदेश के किसी भी हिस्से में रहने वाले विद्यार्थी निर्धारित वेबसाइट और फोन नंबरों पर संपर्क करके अपने चयनित पाठ्यक्रमों में आसानी से प्रवेश ले सकते हैं।
संस्कृति विवि के कुलपति डा. राणा सिंह ने बताया कि कोविड-19 महामारी ने मानवीय जीवन के हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा भी है। लाकडाउन के चलते सभी शिक्षण संस्थान अनिश्चित समय के लिए बंद हो गए। ऐसी परिस्थितियों में यदि हम उच्च शिक्षा की ही बात करें तो जो विद्यार्थी इंटर के बाद विभिन्न पाठ्यक्रम की नियमित शिक्षा ले रहे थे उनकी शिक्षा पूरी तरह से ठप हो गई। संस्कृति विवि ने तत्परता बरतते हुए आगे कदम बढ़ाया और सभी संकाय के सदस्यों को आन लाइन पाठ्यक्रम तैयार करने और विद्यार्थियों के साथ आन लाइन ही क्लास शुरू करने की पहल की। हमने सभी डीन, फैकल्टी को मार्च लॉक डाउन शुरू होते ही इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए थे। इसका लाभ यह हुआ कि विवि के शिक्षकों ने एक सप्ताह के अंदर ही विभिन्न एप्स के माध्यम से लाइव क्लासेज शुरू कर कोर्स पूरे कराने प्रारंभ कर दिए।
कुलपति डा. राणा का कहना है कि संस्कृति विवि द्वारा विद्यार्थियों को अपने विषय में विशेष ज्ञान से लाभान्वित करने के लिए देश-दुनिया के विषय विशेषज्ञों के लेक्चर आयोजित कराए गए। कोरोना की विभीषिका को ध्यान में रखते हुए सामान्य ज्ञान और भविष्य की चुनौतियों के प्रति तैयार करने के लिए एक्सपर्ट की वेबिनार आयोजित की गईं। ऐसा करने के पीछे विवि प्रशासन का उद्देश्य यही है कि हमारे विद्यार्थी इन वेबिनार से आवश्यक और अतिरिक्त कौशल हासिल करें और आने वाले भविष्य के लिए अपने आपको पूरी तरह से तैयार कर सकें।
उन्होंने कहा है कि हमें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि संस्कृति विवि के द्वारा लॉक डाउन के दौरान रिकार्ड महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की जा चुकी हैं। इसके अलावा संस्कृति विवि की फैकल्टी आनलाइन लेक्चर्स द्वारा पाठ्यक्रम पूरे कराकर आनलाइन ही परीक्षाएं कराई जा रही हैं। आज संस्कृति विवि का विद्यार्थी भले ही विवि नहीं खुल सका हो, आवश्यक सभी पाठ्यक्रम पूरे कर चुका है। इतना ही नहीं वह वर्तमान हालातों और भविष्य की चुनौतियों से भलीभांति वाकिफ है।
यहां हम यह भी बताना चाहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद जब विद्य़ार्थी अपने भविष्य की शिक्षा के लिए विषय और क्षेत्र का चयन करने जाएगा तो यहां भी उसे संस्कृति विवि द्वारा हर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। संस्कृति विवि ने आनलाइन काउंसलिंग की पूरी सुविधा दी हुई है, इसका लाभ अन्य उन राज्यों के विद्यार्थी उठा भी रहे हैं जहां माध्यमिक परीक्षाएं हो चुकी हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए संस्कृति विवि ने आनलाइन प्रवेश के लिए व्यापक प्रवेश प्रणाली तैयारी की है।
विद्यार्थी प्रवेश के लिए अपना रजिस्ट्रेशन वेबसाइट https://www.sanskriti.edu.in/register, ई. मेल [email protected], व्हाट्सएप नंबर 9690899944, या फिर हेल्प लाइन 9358512345, 8095376611 से संपर्क कर करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन का काम जारी है और विद्यार्थी आन लाइन प्रवेश भी ले रहे हैं।