आगरा। झरना नाला के जंगल में 29 मार्च को पति के सामने पत्नी से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी योगेश कुमार (25) ने जिला जेल में सोमवार रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने दो मंजिला बैरक की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के बंद दरवाजे पर साफी से फांसी का फंदा बनाया। बैरक का दरवाजा चेक करने पहुंचे बंदीरक्षक ने उसे लटका देखा। इसके बाद अधिकारियों को जानकारी दी। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को बुलाकर शव को उतारा गया। इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
ये थी घटना
एत्मादपुर की रहने वाली विवाहिता 29 मार्च को पति के साथ बाइक से शाहदरा आ रही थी। झरना नाला पर तीन युवकों ने रोक लिया था। इसके बाद जंगल में ले जाकर विवाहिता से पति के सामने दुष्कर्म किया था। उसकी वीडियो भी बनाई थी। लूटपाट के साथ पति से मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपी शाहदरा निवासी गौरीशंकर, मोनू और योगेश कुमार को जेल भेजा था। दो अप्रैल से योगेश बंद था। योगेश का नाम बाद में सामने आया था।
योगेश से पुलिस ने लूटी गई रकम और डंडा बरामद किया था। उसे जेल की सर्किल नंबर एक के आठ नंबर अहाते में बैरकों को बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी। अहाते में दो मंजिला नई बैरक बनी है। पहली मंजिल से छत पर जाने वाली सीढ़ियों के बंद दरवाजे के कुंडे पर योगेश का शव फांसी पर लटका था। योगेश ने फंदा कसने के बाद पैर सीढ़ियों की तरफ लटका दिए थे, जिससे फांसी लग गई। जेलर संजीव सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम से जांच कराई गई। पुलिस अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। घटना के कारणों की जांच कराई जा रही है।
कहां थे जेल के कर्मचारी
बंदी ने दो मंजिला बैरक की सीढ़ियों पर जाकर दरवाजे से फंदा कस लिया। इसकी भनक न बंदियों को सकी और न ही कर्मचारियों को, जबकि जेल को बंद करने से पहले बैरक में बंदियों की गिनती होती है। नंबरदार और बंदीरक्षक भी सर्किल में राउंड पर रहते हैं। इसके बावजूद बंदी के आत्महत्या करने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।