Sunday, November 24, 2024
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केन्द्र सरकार ने 50 साल बाद बदल दिया आपके पेंशन से जुड़ा ये नियम, जानिए अब आप पर क्या होगा असर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब उस नियम में बदलाव कर दिया है, जिसमें परिवार के सदस्यों द्वारा ही पेंशनधारक को जान से मार कर अपने नाम पर पेंशन पाने की साजिश की जाती थी। 1972 से प्रभावी इस नियम को बदलने में केंद्र सरकार को करीब 50 साल लग गए। दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जब अपने नाम पर फैमिली पेंशन पाने के लिए परिवार के सदस्य ही पेंशनधारक को जान से मार देते थे। ऐसी स्थिति में पुराने नियमों के तहत परिवार के सदस्यों के लिए कठोर कानूनी प्रावधान था। 1972 वाले नियम के तहत इस तरह के मामले सामने आने के बाद फैमिली पेंशन को सरकार द्वारा सस्पेंड कर दिया जाता था।

जब कानूनी कार्रवाई के बाद आरोपी को सभी आरोपों से बरी किया जाता था, तब उन्हें पुराने एरियर देने के साथ फैमिली पेंशन को फिर से शुरू किया जाता था। कुछ मामलों में जहां आरोपी को कानूनी कार्रवाई के दौरान दोषी करार दिया जाता था, तो परिवार के अगले योग्य सदस्य के नाम पर पेंशन शुरू किया जाता था। इसमें उन्हें पुराना एरियर भी मिलता था। लेकिन सुस्त भारतीय न्याय व्यवस्था में ऐसे मामले कई सालों तक कोर्ट में लटके रहते हैं। इस दौरान परिवार को वित्तीय स्तर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।

अब परिवार के अगले योग्य सदस्य के नाम पर शुरू होगा पेंशन

लेकिन 16 जून को सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया है। नये नियम के तहत इस तरह के मामलों में परिवार को मिलने वाला पेंशन सस्पेंड नहीं किया जाएगा। अरोपी के बाद परिवार के अगले योग्य सदस्य के नाम पर पेंशन शुरू कर दिया जाएगा। इसमें मृत पेंशनधारक के बच्चे या उनके माता/पिता भी हो सकते हैं। नये आदेश में कहा गया, ‘कानूनी मामलों के विभाग से विचार-वमिर्श के बाद इस प्रावधान का रिव्यू किया गया है।’

कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया आदेश

कार्मिक मंत्रालय की ओर से इस आदेश को जारी किया गया है. इसमें कहा गया है, ‘कानूनी कार्रवाई के दौरान परिवार के उन सदस्यों को पेंशन देने से मना करना जायज नहीं है, जिनपर कोई आरोप नहीं लगा है। कानूनी प्रक्रिया के तहत मामले पर अंतिम निर्णय में लंबा समय लग सकता है और मृत पेंशनधारक के परिवार के लिए फैमिली पेंशन के बिना वित्तीय चुनौती से गुजरना पड़ सकता है।’

आरोपी पर कानूनी कार्रवाई के दौरान दूसरे योग्य व्यक्ति के नाम पर मिलेगा पेंशन

नये नियम में कहा गया है कि अगर पेंशन पाने के लिए योग्य व्यक्ति पर पेंशनधारक को जान से मारने या इसकी साजिश रचने का का आरोप लगा है तो ऐसे मामलों में उस व्यक्ति के नाम पर फैमलिी पेंशन सस्पेंड ही रहेगा। लेकिन कानूनी कार्रवाई के दौरान परिवार के अगले योग्य सदस्य को फैमिली पेंशन प्राप्त करने का अधिकार होगा।

अगर अगला योग्य सदस्य नाबालिग है तो क्या होगा?

अगर मृत पेंशनधारक के पति/पत्नी पर आरोप लगा है तो और परिवार का अगला योग्य सदस्य नाबालिग है तो गार्जियन के जरिए उस नाबालिग के नाम पर पेंशन जारी करने का प्रावधान होगा। आरोपी माता/पिता नाबालिग के गार्जियन के तौर पर नहीं नियुक्त किए जा सकते हैं।

नये नियम के तहत अगर आरोपी व्यक्ति को कानूनी फैसले में बरी कर दिया जाता है तो बरी होने की तारीख से उन्हें ही फैमिली पेंशन का भुगतान किया जाएगा। उस तारीख से परिवार के दूसरे सदस्य के नाम पर चल रहे पेंशन को बंद कर दिया जाएगा।

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