नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। क्यों कि अब मोदी सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और आसान कर दिया है। बिना ड्राइविंग टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की इच्छा रखने वाले लोगों को अब एक जुलाई से ड्राइविंग स्कूल जाना होगा। ऐसा न करने वालों के लिए अभी भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देना जरूरी होगा।
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि अगर आपने किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से मोटर वाहन चलाने की ट्रेनिंग ली है तो लाइसेंस बनवाने के लिए आपको कोई भी टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार की ओर से राज्यों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को मान्यता देनी शुरू कर दी है।
मंत्रालय की ओर से जारी नये नियमों में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को कम से कम चार सप्ताह में 29 घंटे की ट्रेनिंग लेनी जरूरी होगी। मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर्स पर लाइट मोटर व्हीकल के लिए आपको 28 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। ट्रेनिंग के घंटे 29 होने चाहिए। इसके बाद अगर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में आप पास हो जाते हैं तो आपको बिना किसी टेस्ट के ही ड्राइविंस लाइसेंस मिल जायेगा।
अगर आप हेवी मोटर व्हीकल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपको ट्रेनिंग सेंटर्स में 6 सप्ताह तक 38 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। इसके बाद आप अगर पास हो जाते हैं तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस बन जायेगा। ट्रेनिंग सेंटर लोगों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों के साथ ट्रेनिंग करवाते हैं। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर कई जानकारियां दी जाती हैं। साथ ही गाड़ियों के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
देश में कई ऐसे ट्रेनिंग सेंटर हैं जहां लोगों को सभी प्रकार के वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। बड़ी कार निर्माता कंपनियां भी कई बड़े शहरों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों का संचालन करती हैं। इन सेंटरों में ट्रेंड ड्राइवर और कुछ मैकेनिक भी होते हैं जो आपको गाड़ी चलाना तो सीखाते ही हैं, साथ ही छोटी मोटी खराबियों को भी ठीक करने सीखाया जाता है।