मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के शुरु होने के साथ ही भाजपा के 12 विधायकों को पीठासीन अध्यक्ष से दुर्व्यवहार करने के आरोप में एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित विधायक राहत मिलने की उम्मीद में राज्यपाल से मिले और अपनी बात रखी। लेकिन राजभवन से विधायकों को किसी तरह की राहत नहीं मिली।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के विधायक सदन में ओबीसी आरक्षण के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। सदन में हंगामे के दौरान कथित तौर पर मौजूद विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि भाजपा विधायकों पर लगाए गए आरोप गलत हैं। इस बीच निलंबित किए गए विधायक राहत मिलने की उम्मीद के साथ राज्यपाल से मिले। लेकिन वहां से भी किसी तरह की राहत निलंबित विधायकों को नहीं मिल सकी है।
फडणवीस ने मीडिया को बताया, ‘ये आरोप गलत हैं. एक कहानी गढ़ी गई है, भाजपा से किसी ने भी अपशब्द नहीं कहे। अन्य पिछड़ा जाति (ओबीसी) आरक्षण के लिए हम 12 से अधिक विधायकों का बलिदान देने के लिए तैयार हैं।’
बता दें कि सोमवार को सदन में ओबीसी मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और आरोप लगाया कि पीठासीन अध्यक्ष भास्कर जाधव ने उन्हें बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। जाधव ने मीडिया को बताया, ‘विपक्ष के नेता मेरे केबिन में आए और देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल के सामने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर अपशब्द कहे। कुछ नेताओं ने मेरे साथ दुव्र्यवहार किया।’ विपक्ष का आरोप है कि अध्यक्ष ने भी उनसे मिलने गए नेताओं से अभद्र भाषा में बातचीत की। इसके बाद जाधव ने राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री से मामले की जांच करने को कहा है।
यें हैं भाजपा के 12 निलंबित विधायक
भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया। इस सूची में संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यू पवार, गिरिश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवणी, हरिश पिंपले, राम सतपुते, विजय कुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार भांगडिया हैं।
इसके बाद शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ‘इस तरह यह सब शुरू हुआ।’ उधर, भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा, ‘ठाकरे सरकार तालिबान की तरह काम कर रही है। मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं। न ही मैंने और न ही अन्य विधायकों ने भास्कर जाधव को अपशब्द कहे। किसी भी भाजपा सदस्य ने केबिन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने उनसे माफी तक मांगी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मुझे सस्पेंड कर दिया।’
मालूम हो कि स्पीकर नाना पटोले के इस्तीफे के बाद विधानसभा को नए स्पीकर का चुनाव करना है। सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के पास बहुमत होने के बावजूद भाजपा इस पद के लिए अपना उम्मीदवार चाहता है।