आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण में महिला लिपिक से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। वित्त विभाग की लिपिक ने वित्त नियंत्रक सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। छेड़छाड़ होने पर पीड़िता की मां और उसके परिवार के सदस्य प्राधिकरण में पहुंच गए, जिससे वहां हंगामा हो गया।
उन्होंने वित्त नियंत्रक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पीड़िता ने वित्त नियंत्रक के खिलाफ थाना लोहामंडी तहरीर दी है। हंगामे के बीच वित्त नियंत्रक ऑफिस से गायब हो गए। एडीए सचिव ने इस मामले में आरोपों की जांच के लिए 8 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है।
साल 2015 में मृतक आश्रित कोटे में लिपिक पद पर महिला कर्मचारी को तैनाती मिली। दो माह पहले मुख्यालय से उसका तबादला वित्त नियंत्रक सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी के कार्यालय में हुआ। पीड़िता की शिकायत है कि सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी उसे बार-बार कमरे में बुलाकर उसकी खूबसूरती की तारीफ करते तो कभी छूने की कोशिश करते। फोन पर मैसेज भी किए।
महिला का हाथ पकड़कर चूमा
वित्त नियंत्रक ने मंगलवार को उसका हाथ पकड़कर चूम लिया और पीड़िता के चेहरे पर लगे मास्क को उतारने की भी कोशिश की। महिला कर्मचारी ने इस पर विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। फोन पर मां और भाई से शिकायत के बाद साथी कर्मचारियों को जानकारी दी।
इसके बाद शाम तक एडीए में परिजनों ने वित्त नियंत्रक कार्यालय में खरी खोटी सुनाई। हंगामे पर सचिव राजेंद्र त्रिपाठी, ओएसडी गरिमा सिंह पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने पीड़िता की बात सुनी। परिजनों के साथ पीड़िता ने आरोपी वित्त नियंत्रक के खिलाफ लोहामंडी थाने में जाकर तहरीर दी। पुलिस ने पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी।
महिला ठेकेदार ने आरोपों पर किया हंगामा
इस घटना पर एडीए की महिला ठेकेदार सीमा भदौरिया ने भी हंगामा किया और एडीए अधिकारियों पर महिलाओं से अभद्रता, दुव्र्यवहार के आरोप लगाए। हाल में ही सीमा भदौरिया का रजिस्ट्रेशन एडीए ने निरस्त करने के साथ फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया था।
सभी आरोप गलत हैं- वित्त नियंत्रक
एडीए वित्त नियंत्रक सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा कि महिला कर्मचारी के सभी आरोप गलत हैं। उन्हें कोई गलतफहमी हुई है। मैंने उसके साथ कोई दुव्र्यवहार नहीं किया है। उसके परिवार के सदस्यों को समझाने प्रयास किया है। वह इस तरह के आरोप क्यों लगा रही है यह वही जाने।
जांच समिति गठित की गई
एडीए उपाध्यक्ष राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि महिला कर्मचारी ने जो आरोप लगाए हैं उनकी जांच की जाएगी। विशाखा समिति की सिफारिशों के तहत जांच समिति की गठन किया जा रहा है। तहरीर पर पुलिस जांच करेगी।
आठ सदस्यीय जांच कमेटी करेगी जांच
एडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर सचिव की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है जो आरोपों की जांच करेगी। इसमें ओएसडी गरिमा सिंह सह अध्यक्ष, रुचि सिंह, मंजूषा गुलाटी, चंद्रा सक्सेना, गीता रानी, सत्यराम और संयुक्त सचिव सदस्य होंगे।