नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी ने ओलिंपिक खेलों को लेकर एक गाइडलाइन जारी की है। बीते हफ्ते जारी की गई स्पोट्र्स स्पैसिफिक रेगुलेशन (एसएसआर) में ये बताया गया है कि अगर ओलम्पिक के दौरान कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो क्या होगा।
23 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों को लेकर जारी इस गाइडलाइन के बाद भी कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। सिंगल डे इवेंट में क्या नियम होंगे, मल्टी डे इवेंट में क्या होगा? जो खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव के क्लोज कॉन्टैक्ट में होंगे, उन्हें खेल में हिस्सा लेने की इजाजत मिलेगी या नहीं? क्या अलग-अलग खेलों के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं? कौन से सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब एसएसआर में नहीं मिला? आइए जानते हैं-
इवेंट्स को लेकर क्या अलग-अलग गाइडलाइन है?
कोई टीम या खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर डिसक्वालिफाई नहीं किया जाएगा, बल्कि उस खिलाड़ी या टीम को ऊठर यानी डिड नॉट स्टार्ट के रूप में मेंशन किया जाएगा। हर खिलाड़ी का रोज कोरोना टेस्ट होगा। शूटिंग, मैराथन और वेटलिफ्टिंग जैसे सिंगल डे इवेंट के खिलाड़ियों को इवेंट की सुबह कोरोना निगेटिव होना जरूरी होगा।
ज्यादातर खेल एक से अधिक दिन चलेंगे। इनमें अगर कोई खिलाड़ी या टीम पॉजिटिव होती है तो उसे बदला जा सकता है। हॉकी, रग्बी और हैंडबॉल जैसे टीम इवेंट में अगर टीम नॉकआउट राउंड के दौरान पॉजिटिव होती है तो हारने वाली टीम को फायदा होगा। यानी, जिस टीम को नॉकआउट के पिछले राउंड में पॉजिटिव आने वाली टीम ने हराया होगा , उसे हारने के बाद भी अगले राउंड में खेलने का मौका मिलेगा। जबकि पॉजिटिव आई टीम को टूर्नामेंट से नाम वापस लेने का टैग दिया जाएगा।
रेसलिंग, बॉक्सिंग जैसे कई खेल ऐसे हैं जिसमें खिलाड़ी एक-दूसरे के बहुत क्लोज रहते हैं। ऐसे खेलों में अगर कोई खिलाड़ी पॉजिटिव आता है तो उसके खिलाफ खेलने वाला खिलाड़ी क्वारैंटाइन नहीं किया जाएगा, बल्कि वो खेल में हिस्सा ले सकेगा। शर्त सिर्फ इतनी होगी कि इवेंट से पहले उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए। भले एक दिन पहले पॉजिटिव आए खिलाड़ी के खिलाफ दूसरा खिलाड़ी खेला हो।
पूरे इवेंट के लिए एक जैसी गाइडलाइन है या अलग-अलग?
हॉकी के एसएसआर में कहा गया है कि अगर फाइनल में पहुंची एक टीम कोरोना पॉजिटिव होती है तो उससे हारने वाली टीम को फाइनल खेलने का मौका मिलेगा। इस स्थिति में ब्रॉन्ज मेडल मैच होगा या नहीं, इसका जिक्र नहीं है। साथ ही ये भी नहीं बताया गया है कि पॉजिटिव आने वाली टीम को कौन सा मेडल दिया जाएगा। इसी तरह की कहानी रेसलिंग में भी है। वहीं, फुटबॉल के एसएसआर में सिर्फ इतना लिखा गया है कि इस पूरे मामले में फैसला फुटबॉल फेडरेशन फीफा लेगा। यानी, खेल के हिसाब से एसएसआर अलग-अलग हैं।