आगरा। कोरोना संक्रमित वृद्ध मां का इलाज कराने वाले एक युवक से निजी अस्पताल ने उपचार के नाम पर मनमानी रमक वसूल की। आर्थिक रुप से परेशान युवक ने इसकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से की। इस पर सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन ने अस्पताल से उसकी इलाज में लगी रकम को वापस कराया।
खंदौली के गांव सौरई निवासी आशीष पाठक ने अपनी मां गुड़िया देवी को यशवंत हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर न्यू आगरा में भर्ती कराया। 23 अप्रैल से 11 मई तक 17 दिनों तक चले इलाज में आशीष से इलाज के नाम पर अनावश्यक चार्ज वसूले गये। आशीष ने इसकी शिकायत राज्य सरकार से की।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी मां वेंटिलेटर पर नहीं रही फिर भी 6 दिन का लेवल तीन वेंटिलेटर चार्ज 1, 50, 000 रुपये उससे वसूल किया गया। आईसीयू का चार्ज 20 हजार प्रतिदिन के हिसाब से 6 दिन का जोड़ते हुए 1 लाख 20 हजार रुपये वसूल किया। यही नहीं जनरल वार्ड का चार्ज 18 दिन के हिसाब से 90 हजार रुपये और डॉक्टर का विजिटिंग चार्ज 2 हजार प्रतिदिन के हिसाब से 8 दिन का 16 हजार रुपये वसूल किया जबकि वे सिर्फ एक दिन विजिट पर आए थे।
डेढ़ गुना महंगे दामों पर दीं दवाएं..
दवाएं भी बाजार मूल्य से डेढ़ गुना महंगे दामों पर दी गईं जिनका बिल लगभग 1 लाख 49 हजार उससे वसूला गया। इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टर का खर्चा 20 हजार प्रतिदिन के हिसाब से 34 हजार और आरएमओ चार्ज 1000 प्रतिदिन के हिसाब से 17 हजार उससे वसूल किया गया। शिकायत पर डीएम ने जांच करवाई गई तो निजी अस्पताल को दोषी पाया गया। मनमानी वसूली की रकम को निजी अस्पताल से वापस कराया गया। आशीष को सरकार से मिले न्याय के बाद काफी राहत है।
उसने सरकार की ओर की गई उसकी मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। उधर, यशवंत हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुरेंद्र सिंह भगौर का कहना है कि हमारे पास शिकायत आई थी, हमने अभी कोई पैसा वापस नहीं किया है, इस मसले पर कोर्ट में गए हैं।