हिंदू धर्म में कई रीति-रिवाज और मान्यताएं हैं। जिसे सभी डिस्चार्ज कर देते हैं। हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कारों का उल्लेख है। इनमें से अंतिम मृतक का संस्कार है। मनुष्य का शरीर पंच तत्वों अर्थात् पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है। दाह संस्कार के बाद ये पांच तत्व विलीन हो जाते हैं। लेकिन अगर अंतिम संस्कार ठीक से नहीं किया जाता है, तो जातक मुक्त नहीं होता है।
पुराणों के अनुसार शाम के बाद अंतिम संस्कार करने से व्यक्ति की आत्मा भटकती रहती है। उसे परलोक में या कहीं और स्थान नहीं मिलता। ऐसे में आत्मा को प्रेत दुनिया में जाना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु शाम या रात में होती है तो उसका अंतिम संस्कार सूर्योदय के बाद करना चाहिए।
रात के समय आसुरी शक्तियाँ प्रबल होती हैं जो मुक्ति के मार्ग में बाधक होती हैं। ऐसे में मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। उसे भुगतना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों को रात में दफनाया जाता है उन्हें अगले जन्म में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।