नई दिल्ली। केंद्र ने देश में नयी चीनी मिलों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिये चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त कर दिया है। लोकसभा में संजय काका पाटिल के प्रश्न के लिखित उत्तर में उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘अब सहकारी क्षेत्र की बंद पड़ी चीनी मिलों को पुन: खोलने/पुनर्जीवित करने के संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी संबंधित सहकारी समिति की है।’’ गोयल ने कहा कि सामान्य चीनी मौसम में देश में 260 लाख टन घरेलू खपत की तुलना में चीनी का उत्पादन लगभग 320-330 लाख टन होता है जिसके परिणाम स्वरूप चीनी मिलों के पास भारी मात्रा में चीनी का अवशेष स्टॉक रह जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 60-70 लाख टन के इस अतिरिक्त स्टॉक से धन उपार्जन की भी रूकावट पैदा होती है तथा चीनी मिलों की नकदी की स्थिति प्रभावित होती है जिससे किसानों की गन्ने की बकाया राशि इकट्ठी होती चली जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार समय-समय पर गन्ने की लागत की भरपायी के लिये चीनी मिलों को सहायता देने, चीनी का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने जैसे कदम उठाती है। इसके परिणाम स्वरूप गन्ने की बकाया राशि में काफी कमी आई है।