मथुरा। यमुना का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में निचले इलाकों में बनीं कालोनियों में यमुना का पानी घुसने लगा है। जिससे दर्जनों कालोनियों में खबबली मची है। लोग अपने घरों और कीमती सामान को सुरक्षित करने लगे हैं। लोगों ने बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के छतों पर ही डेरा डाल लिया है। वहीं प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए अभी तक किसी तरह की तैयारी नहंी की गई है।
पिछले तीन दिनों से लगातार धीरे-धीरे यमना का जल स्तर बढ़ रहा है। मथुरा एवं वृंदावन के घाट जलमग्न हो गए हैं। वहंी तटवर्ती क्षेत्रों में दर्जनों कालोनियों में यमुना का पानी घुसने लगा है। कई कालोनियों में बने मकानों में पानी घुस गया है। लोगों ने मकानों की छतों पर डेरा जमा लिया है। लोगों का बाढ़ के खतरे का डर सता रहा है। यमुना में मिल रहे शहर के नाले ही कालोनियों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। यमुना का जल नाले से होकर कालोनियों में आ रहा है।
यमुना खादर के पास जयसिंहपुरा क्षेत्र में तमोली के निकट बनी कालोनी में यमुना का पानी आ जाने से खलबली मच गई है। वहीं वृंदावन में पानीघाट, हुड़दंग नगर, यमुना विहार, कालिंदी नगर सहित पानी घाट क्षेत्र एवं कालीदह क्षेत्र में बनीं अवैध कालोनियों में यमुना का पानी घुस गया है।
मंगलवार की रात को यमुना का जलस्तर पर 165.8 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है। खतरे के निशान से कुछ ही नीचे यमुना का जलस्तर है। बाढ़ के हालात न हो इसके लिए गोकुल बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। इनसे 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आपको बता दें के दिल्ली स्थित बैराज से 120 क्सूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसका असर मथुरा में अब देखने को मिल रहा है।