Saturday, November 23, 2024
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मथुरा में तीन वर्ष की तुलना में परिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्ति बढ़े

मथुरा। जनपद में छोटा परिवार रखने के मामले में जागरूकता काफी बढ़ी है। नसबंदी करवाने के मामले भी पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़े हैं। वर्ष 2019 व 2020 की तुलना में मथुरा जनपद में न केवल ज्यादा नसबंदी करवायीं बल्कि परिवार नियोजन के अन्य अस्थाई साधन भी ज्यादा अपनाए गए हैं।

विगत 11 से 31 जुलाई 2021 के मध्य विश्व जनसंख्या पखवाड़ा मनाया गया। इस पखवाड़े कीप्रगति के आंकड़े मथुरा जिलें मे उत्साहजनक सामने आए हैं। वर्ष 2019 व 20 की तुलना में परिवार नियोजन के अलग अलग अस्थाई साधन अपनाने के मामले में किसी में दो गुना तो किसी में तीन गुना तक प्रगति दर्ज की गयी है।

जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रचना गुप्ता ने मथुरा में जनसंख्या पखवाड़े की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है। अन्य वर्षों की तुलना में ज्यादा दंपत्तियों द्वारा परिवार नियोजन के अस्थाई व स्थाई साधन अपनाए जाने के मामले में ज्यादा से ज्यादा दपत्ति से संपर्क स्थापित किया जाना और यूपीटीएसयू संस्था सक्रियता खास कारण माने जा रहे हैं। विभाग इस संबंध में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। छोटा परिवार, खुशियों का आधार, विभाग के इस स्लोगन की समझ धीरे-धीरे आमजन तक पहुंच रही है।


एसीएमओ डा. देवेन्द्र अग्रवाल के अनुसार 11 से 31 जुलाई 2019 तक चले पखवाड़े के दौरान जनपद में जहां कुल 153, वर्ष 2020 में कुल 92 और 2021 में इस वर्ष कुल 320 महिला नसबंदी हुईंं। इसी प्रकार पिछले वर्ष एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं हुई जबकि इस बार 15 पुरुष नसबंदी हुईं। वर्ष 2019 में 51 पुरुष नसबंदी हुई थीं।
जनपद में पीपीआईयूसीडी (प्रसव उपरांत कापर-टी)भी ज्यादा लगवाए गए हैं। इस साल 991 महिलाओं ने ये अस्थाई साधन अपनाया है जबकि वर्ष 2019 में 229 व 2020 में 327 महिलाओं ने पीपीआयूयूसीडी अपानाया था।

आईयूसीडी (कापर-टी) को महिलाएं कभी भी लगवा सकती हैं। ये इस साल 1575 महिलाओं ने लगवायी जबकि वर्ष 2019 में 727 वर्ष 2020 में 686 महिलाओं ने लगवायी थीं। अंतरा इंजेक्षन जो कि तीन माह तक गर्भधारण को रोकता है, के मामले में भी महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। इस साल 2036 महिलाओं ने ये इंजेक्शन लगवाया है। वर्ष 2019 में 464 व वर्ष 2020 में 442 महिलाओं ने लगवाया था।

कुल साधन अपनाए जाने के मामले मेंं वर्ष 2019 में 1624, वर्ष 2020 मेंं 1547 व वर्ष 2021 में 4933 महिला व पुरुषों ने ये साधन अपनाए हैं। छाता व बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बेहतर प्रगति हुई। परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छा काम हुआ है।

जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ सविता पांडेय ने बताया कि अस्थाई परिवार नियोजन के साधनों में शामिल कंडोम, गर्भनिरोधक गोली माला-एन और छाया के साथ ही ई-पिल्स का वितरण भी पिछले वर्ष के मुकाबले कहीं ज्यादा किया गया है।

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