मथुरा। ब्रज के पर्वतों को खनन माफियाओं से बचाने और उनके संरक्षण की मांग को लेकर संतों की अगुवाई में सैकड़ों भक्तों ने आन्दोलन छेड़ दिया है। क्रांति यात्रा निकाली जा रही है। बुधवार को राजस्थान के जड़खोर से चलकर मोनाका, चुल्हरा, उदयपुरी, काहरिका आदि गांव होते हुए अपने आखिरी पड़ाव पसोपा पहुंची। यहां गांववासियों ने यात्रा का स्वागत किया और समर्थन को आगे आए।
क्रांति यात्रा में शामिल भक्त इस यात्रा को आन्दोलन को रुप देने जा रहे हैं। वह राजस्थान और यूपी में बृज के अधिकांश गावों में गुरुवार से आमरण अनशन करने जा रहे हैं।
क्रांति यात्रा राजस्थान के जड़खोर स्थित मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज की गौशाला पहुंची। यहां महंत राजेन्द्र दास महाराज ने यात्रा में शामिल लोगों का विजयश्री का आशीर्वाद दिया और कहा कि अगर यह बृज के प्राचीन पर्वत, लीला स्थल और पर्यावरण ही नहीं बचेगा, तो हम लोग किसकी कथा और आराधना करेंगे? यह बृज के पर्वत व लीला स्थली हर वैष्णव के प्राण हैं।
उन्होंने विरक्त संत रमेश बाबा के बारे कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन ही बृज संस्कृति एवं भगवान कृष्ण की लीला स्थलियों की रक्षा के लिए समर्पित रहा है। वह एक युगपुरुष हैं। जिनका हर संकल्प पूर्ण हुआ है।
राधा कांत शास्त्री ने कहा हमारी परीक्षा की अति हो गई है। अब हम अपनी निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार है। सरकार से कई बार वार्ता की लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा हैै कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के सचिवगण किसी बाहरी प्रभाव में आकर उन्हें भ्रमित कर रहे हैं। अब जन आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
संत भूरा बाबा ने कहा कि जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती है। हर रोज 10 लोग आमरण अनशन पर बैठना प्रारंभ कर देंगे। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बृज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कराने की मांग की है।
सभा को साध्वी गौरी, पूर्व सरपंच सुल्तान सिंह,साध्वी मधुबनी, देवी मंदिर काहरिका की साध्वी कृष्णानंद, डॉक्टर देवो, चुल्हरा के सुघड़ सिंह व विश्राम नेता, बल्लू सरपंच, उदयपुरी के पूर्व सरपंच रामसिंह, काहरिका के शिवराम पहलवान आदि ने संबोधित किया।