पहला शिविर आठ अगस्त को प्रातः 9 बजे से सांय 6 बजे तक लगेगा
मथुरा। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज द्वारा “स्वर्ण प्राशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र में लगाया जाएगा। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के प्राचार्य डा. प्रसन्ना वी.सावानुर ने यह जानकारी देते हुए बताया है स्वर्णप्राशन संस्कार, आयुर्वेद में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शारीरिक और मानसिक विकास की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण योगदान है। जिस प्रकार बच्चों को सामान्य रोग से बचाव के लिए भिन्न भिन्न टीके लगाए जाता है, उसी प्रकार आयुर्वेद में स्वर्ण प्राशन संस्कार किया जाता है।
स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को आयुर्वेदिक औषधि से सिद्ध संस्कारित स्वर्ण का मिश्रण चटाया जाता है। यह संस्कार हर महीने पुष्य नक्षत्र के दिन करना लाभदायक है | पुष्य नक्षत्र में औषधि को लेने से उसका प्रभाव उत्तम होता है। जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों में यह संस्कार किया जाता है। महर्षि काश्यप के अनुसार यह औषधि मेधा, बल और अग्नि को बढाने में सहायक है। कोविड 19 को देखते हुए बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना बहुत आवश्यक है, इसलिए जरुरी है कि बच्चों को प्रत्येक मास के पुष्य नक्षत्र में स्वर्णप्राशन संस्कार करवाए।
इसी उद्देश्य से कुमार भृत्य विभाग (प्रो. (डॉ.) साईं, डॉ. अनीश जॉन और डॉ. एकता कपूर के द्वारा स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का आयोजन आठ अगस्त, चार सितंबर, एक अक्टूबर, 25 नवंबर, 22 दिसंबर को प्रातः 9 बजे से सांय 6 बजे तक संस्कृति आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल, छाता, 28 कि.मी. स्टोन, मथुरा दिल्ली हाईवे, मथुरा में किया जायेगा।