मथुरा। अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर शुरू की गई मुहिम भाजपा गद्दी छोड़ो के अंतर्गत कांग्रेसियों ने दामोदरपुरा से गोकुल बैराज मोड़ तक पैदल मार्च निकाला। कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां व झंडे लेकर लोगों से दलित, मजदूर, किसान व व्यापारी विरोधी सरकार को आगामी 2022 के चुनाव में उखाड़ फेंकने की अपील की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के कुशासन के कारण लूट, हत्या और डकैती की घटनाओं में इजाफा हुआ है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने लोगों की कमर तोड़ दी है। सभी मोर्चों पर विफल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अब जनता को आवश्यकता है कि भाजपा सरकार के झूठे बहकावे में ना आए और आने वाले चुनाव में उसे बुरी तरह पराजित करने के लिए कांग्रेस का साथ दे।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि मोदी-योगी की सरकार जनता पर अत्याचार कर रही है। जिस तरह अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा देश में बुलंद हुआ था, उसी तरह अगस्त क्रांति के मौके पर भाजपा गद्दी छोड़ो का नारा बुलंद किया गया है। पिछले 70 वर्ष में कांग्रेस ने देश के लिए जो संपत्ति जुटाई उस संपत्ति को भाजपा सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बेचने का कार्य कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूर्व जिला अध्यक्ष आबिद हुसैन व वरिष्ठ नेता भोला यादव ने कहा कि देश की जनता भाजपा का असली चेहरा पहचान चुकी है। आने वाले 2022 के चुनाव में जनता अपने वोट का एहसास कराकर भाजपा को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शहर अध्यक्ष एमएम शर्मा व महिला जिला अध्यक्ष नीलम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिला अपराध के प्रति प्रदेश सरकार संवेदनशील नहीं है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्य अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में पूर्व मेयर प्रत्याशी मोहन सिंह, कमल सागर, राहुल अरोड़ा, आदर्श शर्मा, पीपी सिंह, दिनेश शर्मा एडवोकेट, चौधरी मोहन सिंह, अजय शर्मा गिरोली, गिर्राज निषाद, राजकुमार नौहवार, पूर्व प्रधान दिवाकर, पार्षद तिलकवीर सिंह, पार्षद ध्रुव शर्मा, चकलेश्वर सिंह, आशुतोष जेटली, मुकेश गोयल, अमित पाठक, धर्मेन्द्र शर्मा, रामभरोसी चौधरी, सब्बीर खान, फारूक अहमद, सलमान कुरैशी, राजू अब्बासी, रमेश भगत जी, पूर्व प्रधान चुन्नू, डॉ सैनी, हरिमोहन शर्मा, मोहसिन खान एडवोकेट, नसीर अहमद फारूकी, इकबाल ठेकेदार, पप्पू खान, काले खां आदि सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।