कोरोना वायरस संकट के बीच काला फंगस भी रोने लगा है। बहुत से लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, इसी बीच डॉक्टरों ने काले फंगस के इलाज के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। आप भी इस ट्रिक के बारे में जानकर हैरान हो सकते हैं। लेकिन यह सच है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ब्लैक फंगस के इलाज के लिए खून चूसने वाली जोंक की तलाश कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस नाम की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।
आयुर्वेदिक तरीके से इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर जोंक की तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार की राजधानी पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इन दिनों जहरीली जोंक की तलाश जारी है। जिससे वह मरीजों का इलाज कर सके। रिपोट्र्स के मुताबिक, जोंक मानव शरीर से गंदा खून चूसती है और मृत कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब रक्त संचार रुक जाता है और त्वचा खराब हो जाती है तो जोंक मृत कोशिकाओं को सक्रिय करने में काफी मददगार होता है। इसलिए डॉक्टर इलाज के लिए जोंक की तलाश जोर-शोर से कर रहे हैं।
आपको बता दें कि लीची दो तरह की होती है। एक जहरीली जोंक वाली और दूसरी बिना जहर वाली। गैर विषैले जोंक की पहचान करना आसान है। हालांकि, जहरीले जोंक गहरे काले रंग के होते हैं। दूसरी ओर, गैर-विषैले जोंक चिकनी त्वचा के साथ और बिना बालों के हरे होते हैं। गैर विषैले जोंक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम हैं। इसलिए, डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे बिना जहर के आसानी से जोंक प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि फिलहाल सरकार ने काले फंगस के इलाज के लिए कालाजार से इंजेक्शन लगाने की अनुमति दे दी है।