दुनिया ऐसे कई रहस्यों से भरी पड़ी है, जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। अब ऐसा नहीं है कि किसी ने इन उलझी हुई गांठों को सुलझाने की कोशिश नहीं की, लेकिन जब भी शोधकर्ता इन रहस्यों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करते हैं तो वे उलझ जाते हैं। अब अपने देश भारत को ही ले लीजिए, दुनिया इसे ‘गांवों का देश’ कहती है, लेकिन इन गांवों में भी कई राज छिपे हैं जो आज तक खुल नहीं पाए हैं।
आज हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी ही एक जगह है। इस गांव का नाम मलाणा है। हिमालय की चोटियों के बीच स्थित मलाणा गांव गहरी खाइयों और बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ है। करीब 1700 की आबादी वाला यह गांव पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है।
इस गांव से जुड़े कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनमें से एक यह भी है कि यहां के लोग यूनान के प्रसिद्ध राजा सिकंदर महान के वंशज होने का दावा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव में शरण ली और फिर वहीं रुक गए। कहा जाता है कि यहां के निवासी सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज हैं। हालाँकि, यह अभी तक पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मलाणा गांव में सिकंदर के समय की बहुत सी चीजें मिली हैं। कहा जाता है कि इस गांव के मंदिर में सिकंदर के समय की तलवार भी रखी हुई है। ये लोग कनाशी नामक भाषा बोलते हैं, जो बहुत ही रहस्यमयी है, लेकिन वे इसे एक पवित्र भाषा मानते हैं। इस भाषा की सबसे खास बात यह है कि यह यहां के अलावा और कहीं नहीं बोली जाती है। कई देशों में इस पर शोध किया जा रहा है।
यहां रहने वाले बुजुर्ग भी हाथ मिलाने और बाहरी लोगों को छूने से बचते हैं। अगर आप यहां की दुकान से कुछ सामान खरीदते हैं तो दुकानदार आपको देने के बजाय आप पर रख देगा और साथ ही वह आपसे पैसे हाथ में लेने के बजाय अपने पास रखने के लिए कहता है। इस गांव में अगर कोई बाहरी व्यक्ति किसी चीज को छूता है तो जुर्माना भरना पड़ता है। जुर्माना 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक हो सकता है। इस गांव में बाहरी लोगों को भी घर, दुकान या किसी स्थानीय निवासी को छूने की अनुमति नहीं है।