Sunday, November 24, 2024
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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर धूमधाम से मनेगा 5248 वां श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव

  • भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा
  • जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे मंदिर के पट

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में 5248 वां श्रीकृष्णजन्म महोत्सव मनाया जाएगा। महोेत्सव के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को सजाया जा रहा है। गर्भगृह को कारागार का रुप दिया जा रहा है। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक, मंगला आरती, श्रृंगार आरती और भक्तों को दर्शन के लिए समय निर्धारित किया गया है।


श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में 30 अगस्त सोमवार को जन्म महोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं और परम्पराआें के मध्य मनाया जाएगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाआें का मंचन होगा। जो कि भक्तों की आकर्षण का केन्द्र रहेगा।

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन सोमवार प्रात: शहनाई और नगाड़े बजेंगे। भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान मंत्रोच्चारों के मध्य पुष्पार्चन किया जाएगा। प्रात: दस बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम भागवत भवन मंदिर में श्रीराधाकृष्ण के श्रीविग्रह के समक्ष किया जाएगा। इस दौरान भजन गायिका कीर्ति किशोरी द्वारा भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।

कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे से शुरु होगा। सर्वप्रथम श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन होगा। इसके बाद 1008 कमल पुष्प से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन किया जाएगा। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का प्राकट़्य के साथ ही संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल, नगाड़े, झांझ, मंजीरा और मृदंग बज उठेंगे। भगवान कृष्ण की महाआरती की जाएगी। जो कि रात्रि 12.15 बजे तक होगी।

भगवान कृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। घण्टे-घड़ियाल और शंखध्वनि के मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का स्वागत होगा। चांदी के कमल पुष्प में भगवान का दूध, दही, घी, बूरा, शहर एवं दिव्य औषधि एवं वनस्पतियोंं से अभिषेक किया जाएगा। भगवान का प्रथम जन्माभिषेक स्वर्णमढ़ित चांदी की कामधेनु स्वरुपा गौमाता द्वारा होगा।

भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा। इसके पश्चात 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे। लडडू गोपाल का बड़ी मात्रा में लड्डू एवं मेवा-पाग का भोग लगाया जाएगा। भगवान के भोग लिए कुशल कारीगर एवं भक्तगण रात-दिन स्वादिष्ट लड्डू और मेवा पाग तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मेवे, गौंद, मिगी के लड्डूओं का भोग लगाया जाएगा।

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