Tuesday, October 1, 2024
Homeशिक्षा जगतराष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षण संस्थाओं पर देना होगा ध्यानः शर्मा

राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षण संस्थाओं पर देना होगा ध्यानः शर्मा

  • कृष्ण की धरती पर संस्कृति विवि के ऊपर है बड़ी जिम्मेदारी
  • संस्कृति विवि का 11 वां स्थापना दिवस समारो


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के 11 वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, एमएलसी अरविंद शर्मा ने विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि अगर देश निर्माण पर ध्यान देना है तो हमें शिक्षण संस्थाओं पर ध्यान देना होगा।


प्रयाग विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक रहे अरविंद शर्मा ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय जगत गुरु श्री कृष्ण की धरती पर स्थापित है। यह बहुत सौभाग्य की तो बात है ही, साथ ही विवि के लिए बड़ी जिम्मेदारी का भी निर्माण करती है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु कहा जाता रहा है। हमारे ऋषि-मुनि एक स्थान पर बैठकर ही अनंत ज्ञान रखते थे। उन्होंने सारे ब्रह्मांड की जानकारी अपने कठोर तप से हासिल की। हमारे मनीषियों ने ऐसी संस्थाएं स्थापित कीं जहां देश ही नहीं सारे विश्व से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। हमारे वसुधैव कुटुंबकम के ज्ञान को आज सारा विश्व स्वीकार रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास देश को एक बार फिर से सारी दुनियां का नेतृत्व करने वाला बनाने का है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्षों से काम कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री शर्मा ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था में शिक्षण संस्थाओं का बहुत योगदान रहा है। शिक्षा हमको सशक्त बनाती है। जितनी शाखाएं होती हैं, वो एक वृक्ष बन जाती है। महिला, पुरुष को त्वरित शक्तिशाली शिक्षा ही बना सकती है। शिक्षा हमको हमारे व्यक्तित्व और शक्ति को बढ़ाती है। सामर्थ्यवान बनाती है। आप जगत गुरु की धरती पर बैठे हैं इसलिए आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। आपके प्रति आकर्षण होना स्वभाविक है। प्रधानमंत्री मोदीजी का प्रयास है कि देश को विश्व गुरु तो बनाना ही है साथ ही आधुनिक टेक्नोलाजी से सुसज्जित बनाना है। पुरानी संस्कृति के साथ उस यात्रा में आप जैसे विवि बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हमारे नेताओं का मानना है कि एक तरफ हम भगवान राम का मंदिर बनाना चाहते हैं वहीं राम राज्य भी स्थापित करना चाहते हैं। यही खूबी है वर्तमान शासन व्यवस्था की जहां एक तरफ अपनी संस्कृति की जड़ें मजबूत बना रहा है, वहीं दूसरी ओर टेक्नोलाजी के माध्यम से ऊंचाइयों को पाने का प्रयास कर रहा है।

आपका विवि निरंतर तरक्की कर रहा है, आपके यहां स्टार्टअप, इंक्युबेशन सेंटर है। जहां आप संस्कृति को बरकरार रखते हुए ऩई तकनीकियों को भी साथ लेकर चल रहे हैं, बड़ी बात है। संस्कृति विवि भारती संस्कृति और आधुनिकतम ज्ञान से युक्त शिक्षा देकर बहुत ही प्रशंसनीय योगदान दे रहा है। हमारे विकास में गुरु का महत्व क्या है यह आप सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। मैं आज जहां हूं वह अपने गुरुओं की दी शिक्षा से ही हूं। मैं स्वयं भी शिक्षण से जुड़ा रहा, मैंने देखा है जब गुरु ठान लेता है तो शिष्य को सही दिशा मिल जाती है, जैसे मुझे मिली। शिक्षण संस्थाएं हमारे मूल्य, सास्कृतिक मान्यताएं स्थापित करती हैं जो आधुनिक युग में नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करती हैं, उनका यह मूल्य चुकाना संभव नहीं है। राष्ट्रनिर्माण पर ध्यान देना है तो हमें अपनी शिक्षण संस्थाओं पर ध्यान देना होगा। मैं स्वयं के गुरुओं का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मुझे सही दिशा में शिक्षा देने का पुण्य कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी ने नई शिक्षा नीति देकर देश की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि नई शिक्षा नीति हमें आधुनिक विज्ञान, चरित्र निर्माण, आधुनिक टेक्नोलाजी के क्षेत्र में हमें समर्थ बनाएगी। अंत में उन्होंने विवि प्रशासन को आवश्यकता पड़ने पर अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

संस्कृति विवि के कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को संस्कृति विवि के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम अपने विवि में विद्यार्थियों की विश्वस्तरीय और आधुनिक शिक्षा के लिए हर जरूरत को पूरा कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे देश का कोई विद्यार्थी ज्ञान के किसी क्षेत्र में सुविधाओं, साधन की कमी के कारण पीछे रहे। उन्होंने कहा कि मुझे दुख होता है जब कोई विद्यार्थी असफल होने पर अपन जीवन का अंत कर लेता है।

मेरा मानना है कि हर सफलता के पीछे असफलता छिपी होती है। आपको कभी हार नहीं माननी चाहिए, हिम्मत करके अपनी असफलता को सफलता में बदलना चाहिए। हमेशा मन में यही बात होनी चाहिए कि मुझे कोई हरा नहीं सकता, कोई मुझसे आगे नहीं हो सकता। हमको अपनी क्षमता और योग्यता को पहचान कर आगे बढ़ना चाहिए। मैं भी एक साधारण विद्यार्थी ही था, लेकिन आज मैंने अपनी रुचि, योग्यता को समझ कर इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाया है। मेरा विद्यार्थियों से कहना है कि अपने आप को पहचानिए और अपना रास्ता बनाइए। जरूरी नहीं आप एक क्षेत्र में विफल होते हैं तो दूसरे, तीसरे क्षेत्र में असफल होंगे। उन्होंने एक कविता के माध्यम से अपनी बात पूरी करते हुए कहा-तू थोड़ा सब्र कर ले, इम्तहान जारी है, एक दिन वह भी आएगा, जब वक्त कहेगा, अब तेरी बारी है।

संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल प्रोफेसर एसपी पांडे ने कहा कि संस्कृति विवि आज देश ही नहीं दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। विश्व की ख्याति प्राप्त शिक्षा संस्थाओं से जुड़ा है। नई शिक्षा नीति के अनुसार देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्यार्थियों को आधुनिकतम शिक्षा दे रहा है, इसका उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित है। कुलपति डा. डा. राणा सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने देश के ख्यातिप्राप्त व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को निखारना चाहिए। उन्होंने देश के सबसे युवा कुलाधिपति सचिन गुप्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व और दीर्घगामी सोच के चलते विवि निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर है।

संस्कृति आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य डा. प्रसन्ना वी सवानुर ने कहा कि एक मल्टीस्पेशियलिटी विवि के रूप में संस्कृति विवि द्वारा किए जा रहे कार्यों को आगे आने वाले 50 सालों में सम्मान के साथ याद किया जाएगा। संस्कृति विवि के डीन एडमिनिस्ट्रेशन डा. जावेद अख्तर ने कहा कि कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने जो पौधा लगाया था अब वह फल देने लगा है। विश्वविद्यालय का नाम ही इसकी सोच को परिभाषित कर देता है। आज यहां के विद्यार्थियों को कंपनियां बड़े-बड़े पैकेज पर अपने यहां नौकरी दे रही हैं।

आयुर्वेद के न्यूज लेटर सहित अनेक पुस्तकों का विमोचन
मथुरा। संस्कृति विवि के 11 वें स्थापना दिवस के अवसर पर कुलाधिपति द्वारा न्यूज लेटर और पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस मौके पर संस्कृति आयुर्वेदिक कालेज द्वारा प्रकाशित न्यूज लेटर ‘आयु संस्कृतयम’ के अलावा संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी के शिक्षक डा. अनिल अहूजा, डा. विशाल एवं कु. दीप्ति द्वारा लिखित ‘बायोकैमिस्ट्री‘, कम्युनिटी फार्मेसी एंड मैनेजमैंट, स्कूल आफ एजूकेशन के विभागाध्यक्ष डा. महमूद खान द्वारा लिखित ‘भारत में प्रारंभिक शिक्षा एवं सामाजिक‘, ‘सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य‘, ‘गणित शिक्षण‘, ‘निर्देशन एवं परामर्श‘, ‘प्रारंभिक कक्षाओं में भाष शिक्षण‘, ‘अधिगमकर्ता का विकास‘, ‘इनकुलकेशन आफ वैल्यू‘ का विमोचन किया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments