लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को हुए चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार नितिन अग्रवाल ने जीत हासिल की। नितिन हरदोई सदर सीट से समाजवादी पार्टी के बागी विधायक हैं, जिन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सपा ने नरेंद्र वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सपा और भाजपा के सदस्यों ने वोटिंग की। अन्य छोटे दलों के सदस्यों ने भी मतदान में हिस्सा लिया। वहीं, बसपा और कांग्रेस ने वोटिंग का बहिष्कार किया।
विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग
इस दौरान सपा और भाजपा की ओर से क्रॉस वोटिंग भी हुई। समाजवादी पार्टी का दावा है कि वह सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों में सेंध लगाने में कामयाब रही। तो दूसरी ओर सत्तारुढ़ दल भाजपा का कहना है कि सपा विपक्ष को एकजुट करने में नाकाम रही। वरना उसके पास अपने 47 सदस्यों के अलावा अन्य विपक्षी विधायकों मिलाकर कुल 78 वोट होने चाहिए थे। कांग्रेस व बसपा ने भले ही वोटिंग का बहिष्कार किया, पर उनके कुछ विधायकों के भाजपा और सपा के पक्ष में मतदान करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सपा के अपने 47 विधायक और वोट मिले 60
समाजवादी पार्टी को मिले 60 वोटों ने भाजपा के खेमे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। अगर विधानसभा की गणित समझें तो तस्वीर कुछ हद तक साफ हो सकती है। इस चुनाव में सपा के नरेंद्र वर्मा 244 वोट से हार जरूर गए लेकिन सपा के 47 विधायक थे, उसे 60 विधायकों का समर्थन मिला। इसमें कितने बसपा के बागी विधायक थे और कितने भाजपाई विधायकों ने सपा का साथ देना जरूरी समझा, यह अहम सवाल है। भाजपा के 304 और उसके सहयोगी अपना दल के 9 विधायक हैं। इसके अलावा उसे 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
भाजपा को 316 वोट मिलने चाहिए, 304 मिले
कांग्रेस व बसपा के कुछ वोट भी भाजपा के पक्ष में जाने की बात आ रही है। इस तरह भाजपा को 316 से ज्यादा वोट मिलना चाहिए थे, लेकिन उसे 304 वोट ही मिले। इसको लेकर भी सवाल हैं। क्रॉस वोटिंग भाजपा और सपा दोनों के प्रत्याशियों के लिए हुई है। लेकिन सपा के बढ़े वोटों में कितने भाजपा के हैं, यह बड़ा प्रश्न है. सपा के तीन बार के विधायक नितिन अग्रवाल तो भाजपा के प्रत्याशी ही थे। वहीं जसवंतनगर सपा विधायक शिवपाल यादव गैर हाजिर रहे।
इन विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की संभावना
सपा विधायक हरिओम भी भाजपा के साथ हैं। इसके अलावा कांग्रेस के बागी राकेश सिंह व आदिति सिंह भी भाजपा के साथ आ गए। सीतापुर सदर के भाजपा विधायक राकेश राठौर सपा के साथ पहले ही आ चुके हैं। अपना दल के भी एक विधायक सपा के साथ हैं। सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने कहा कि हम लोग तो वास्तव में 46 थे। हमें तो नतीजा पता था, लेकिन हम लोग 60 हो गए और आपकी नीयत का पर्दाफाश भी कर दिया। इसके अलावा इस चुनाव में 28 विधायक गैरहाजिर रहे।