Monday, September 30, 2024
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के.डी. हॉस्पिटल में महिला के मेरुदंड की टीबी की सफल सर्जरी


पैरों की ताकत बचाने को पहली बार किया गया न्यूरो मॉनीटर का प्रयोग


मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ न्यूरो सर्जनों ने लम्बे समय से कमर दर्द से परेशान मथुरा निवासी हेमलता पत्नी लक्ष्मण प्रसाद के मेरुदंड की टीबी की सफल सर्जरी कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। ठीक होने पर स्वास्थ्य लाभ के लिए हेमलता को छुट्टी दे दी गई है। इस सर्जरी में पहली बार न्यूरो मॉनीटर का भी प्रयोग किया गया।


ज्ञातव्य है कि मथुरा निवासी हेमलता को काफी समय से कमर दर्द की शिकायत थी। कुछ दिनों से दर्द असहनीय हो गया और उसे चलने में भी परेशानी होने लगी थी। इस परेशानी से निजात के लिए उसने कई चिकित्सकों से परामर्श लिया लेकिन उसे कोई लाभ नहीं हुआ। अंततः एक दिन वह के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन से मिली। हेमलता की एमआरआई कराने के बाद पता चला कि उसे रीढ़ की हड्डी में टीबी की परेशानी है। टीबी की वजह से उसकी एल-1 और एल-2 हड्डियां गल गई हैं जोकि मेरुदंड (स्पाइनल कोर्ड) को दबा रही हैं जिससे उसके पैरों में कमजोरी आ रही है।


न्यूरो सर्जनों ने उसे सर्जरी की सलाह दी। हेमलता के पति लक्ष्मण प्रसाद की सहमति के बाद उसका ऑपरेशन किया गया। विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन द्वारा उसके मेरुदंड से दबाव कम करने के लिए दो रॉडों और आठ पेचों की मदद से गली हुई हड्डियों को मजबूती प्रदान की गई। इस ऑपरेशन में बेहोशी की हालत में पैरों की ताकत बचाने के लिए न्यूरो मॉनीटर की भी मदद ली गई। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा। नसों से दबाव कम होते ही हेमलता को कमर दर्द की परेशानी से निजात मिल गई।


ऑपरेशन के तीन दिन बाद उसको चलाया गया और आठ दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। न्यूरो सर्जन डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन ने बताया कि न्यूरो मॉनीटर का इस्तेमाल इस क्षेत्र में अभी तक किसी भी ऑपरेशन में नहीं किया गया था। इस मशीन के इस्तेमाल से ऑपरेशन के दौरान मरीज की नसों की जांच लगातार की जा सकती है। इससे ऑपरेशन के बाद पैरों की ताकत कम होने की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है। यह सुविधा अभी तक केवल दिल्ली और जयपुर के बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध करायी जाती थी। अब यह सुविधा के.डी. हॉस्पिटल में भी उपलब्ध है।


इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जन डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन का सहयोग निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. ए.पी. भल्ला, डॉ. जयेश, डॉ. दिव्या, फिजियोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी गांधी, ओटी टेक्नीशियन हिमांशु, रोहित, चंद्रपाल, राजवीर ने किया। न्यूरो मॉनीटर का संचालन जालंधर निवासी टेक्नीशियन जसकरन ने किया। ऑपरेशन के बाद हेमलता की देखभाल डॉ. चिराग, डॉ. अभिषेक, डॉ. भावना, डॉ. आकृति, डॉ. अमृतंजय आदि ने की।


आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों और टेक्नीशियनों को बधाई दी। हेमलता के पति लक्ष्मण प्रसाद ने सफल सर्जरी के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों का आभार माना।

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