Sunday, November 24, 2024
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पर्यावरण सबसे बड़ी चिंता, सभी देशों को मिलकर काम करना होगा


वर्ल्ड पीस एंड अर्थ कंस्टीट्यूशन’ विषय पर चर्चा में बोले डब्लूसीपीए अध्यक्ष


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘वर्ल्ड पीस एंड अर्थ कंस्टीट्यूशन’ को लेकर हुई एक महत्वपूर्ण चर्चा में वर्जीनिया निवासी, वर्ल्ड कंस्टीट्यूशन एंड पार्लियामेंट एसोसिएशन(डब्लूसीपीए) के अध्यक्ष डा. ग्लेन टी मार्टिन ने कहा कि हमारी पृथ्वी को जरूरत है शुद्ध पानी, हवा और विश्व शांति की। जब तक सारे देश मिलकर सम्मिलित प्रयास नहीं करेंगे हम आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ अच्छा नहीं कर पाएंगे। हम सबको अपनी धरती के भविष्य के बारे में सोचना है न कि सिर्फ अपने बारे में।


डा. ग्लेन ने वैश्वीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जब सारे देश इस धरती के पर्यावरण को अच्छा बनाए रखने के लिए आपसी वैमनस्य और प्रतिद्वंद्विता को छोड़कर एक साथ डब्लूसीपीए द्वारा निर्धारित उद्देश्यों पर काम करेंगे तभी कुछ अच्छा हो पाएगा। भविष्य की हम सबको चिंता करनी होगी वरना कई शहर, देश जो आज नजर आ रहे हैं समुद्र में डूब जाएंगे। दिक्कत यह है कि हर देश अपने बारे में सोच रहा है। शक्तिशाली देश और शक्तिशाली हो जाएंगे और कमजोरों को नष्ट कर दिया जाएगा।

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समस्या रोजगार पाना नहीं, भविष्य की चिंता अच्छी हवा, शुद्ध जल और धरती को बचाने की है। डब्लूसीपीए का गठन विश्व के देशों ने इसी समस्या को देखकर किया है। उन्होंने कहा कि भारत रूल आफ रेगुलेशन मानने वाला देश है। उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए भारत की शांति पर चलने वाली नीति की बात की। अगर कहीं कोई विवाद है तो दोनों देश आपस में वार्ता करें, हर वो संभव तरीका इस्तेमाल करें जिससे भाईचारा बढ़े। मानवता की सुरक्षा के लिए हम सबको सिविलाइज्ड होना पड़ेगा। एक अच्छा वैश्विक वातावरण तभी तैयार होगा।

मंच पर उपस्थित संस्कृति विश्वविद्यालय के चांसलर सचिन गुप्ता ने कहा कि कोई आश्चर्य नहीं कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए हो। हमारे पर्यावरण में हवा, जल का महत्व कितना है यह आज सबकी समझ में आने लगा है। यह सही है कि हम सबको अपने आसपास के पर्यावरण के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। अगर हम नहीं संभले तो हमें बिगड़ने वाले मौसमों का अधिक सामना करना पड़ सकता है। अगर हमारे आसपास का पर्यावरण बदलता है तो वर्षा, गर्मी सभी मौसमों की अनिश्चितता बढ़ेगी। हमने तय किया कि हमारे विवि में हर महीने पर्यावरण पर विश्वस्तरीय चर्चा की जाएगी।

उन्होंने कहा शुरुआत सिर्फ एक अच्छे कार्य से हो सकती है। यह कार्य प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। उन्होंने विवि द्वारा इस क्षेत्र में आगे बढ़कर किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि हमारे यहां इसके लिए आनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध है आगे चलकर डिग्री कोर्स भी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विवि कामनवेल्थ में सदस्य भी है। विवि का अरविंदो सोसाइटी के साथ एमओयू है।

उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही विवि में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का फुटबाल मैदान, आडीटोरियम और सिनेमा हाल तैयार हो जाएगा।
चर्चा में उपस्थित पीसीटीआई के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डाइरेक्टर मेजर सुशील गोयल ने अपनी बात जय हिंद के नारे से शुरू की। उन्होंने विद्यार्थियों से वक्त के साथ शिक्षा में हो रहे बदलाव के प्रति सजग रहते हुए अपने ज्ञान की वृद्धि की बात की। उन्होंने कहा कि जो पहले पढ़ाया जाता था वो अब बहुत एडवांस हो गया है। आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जमाना है। सारे जाब एआई बेस्ड हो गए हैं। कहीं भी रोजगार पाने के लिए एआई की जानकारी होना जरूरी है, इसके बिना आप इंटरव्यू तक में नहीं बुलाए जाते।


कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। डब्लूसीपीए के अध्यक्ष डा.ग्लेन मार्टिन का स्वागत करते हुए विवि के कुलपति प्रोफेसर एसपी पांडे ने कहा कि विवि का लोगो है, एक्सीलेंस इन लाइफ। विवि अपने इसी गोल को सामने रखते हुए विद्यार्थियों का समग्र रूप से विकास कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की डा. दीपा ने किया।

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