जी.एल. बजाज में नॉलेज शेयरिंग सेशन का आयोजन
मथुरा। दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिन्ता बढ़ा दी है। इसी चिन्ता को देखते हुए जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा नॉलेज शेयरिंग सेशन का आयोजन किया गया जिसमें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सौरभ सिंघल ने प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं तथा कर्मचारियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव के उपाय बताए।
डॉ. सिंघल ने कहा कि कोविड-19 के ओमिक्रॉन संस्करण को इस प्रमाण के आधार पर चिन्ता का एक प्रकार कहा गया है कि इसमें कई उत्परिवर्तन हैं जो इस बात पर प्रभाव डाल सकते हैं कि यह कैसे व्यवहार करता है। इसकी सम्प्रेषणीयता, गम्भीरता और पुनः संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए बहुत सारे शोध चल रहे हैं। अब तक के अध्ययनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट को डेल्टा से भी संक्रामक बताया जा रहा है लेकिन अच्छी बात यह है कि यह वैरिएंट कोविड के अभी तक के अधिकतर वैरिएंट्स से काफी माइल्ड है। इसलिए ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन यह जरूरी है कि हम कोविड प्रोटोकॉल्स का सही तरह अनुपालन करें।
डॉ. सिंघल ने बताया कि कोरोना के किसी भी रूप से बचाव के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करते रहना सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। विशेषकर बाहर या भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाते समय डबल मॉस्क का प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है उन्हें भी इन नियमों का पालन करते रहना चाहिए। डॉ. सिंघल ने कहा कि अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज जो आप कर सकते हैं, वह है वायरस के सम्पर्क में आने के जोखिम को कम करना।
ऐसा मॉस्क पहनें जो आपकी नाक और मुंह को ढंके। सुनिश्चित करें कि मॉस्क लगाते समय आपके हाथ साफ हों। दूसरों से कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाकर रखें। भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। घर के अंदर वेंटिलेशन में सुधार के लिए खिड़कियां खोलें। अपने हाथ नियमित रूप से धोएं। डॉ. सिंघल ने सुझाव दिया कि जिन लोगों का अब तक टीकाकरण नहीं हो सका है, उनको जल्द से जल्द दोनों खुराक ले लेनी चाहिए। डॉ. सिंघल ने बताया कि वैक्सीनेटेड लोगों में कोरोना के गम्भीर संक्रमण और इससे मौत का खतरा कम होता है।
डॉ. सिंघल ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमें हमेशा खुद को तैयार रखना होगा। सभी लोगों को लगातार प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाले उपाय करते रहने चाहिए। पौष्टिक आहार लें, व्यायाम करें, शराब-धूम्रपान से दूरी बनाएं और साथ ही साथ नकारात्मक खबरों से बचें। कार्यक्रम के अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने डॉ. सौरभ सिंघल का आभार मानते हुए उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया।