आगरा मे थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के पीला खार में नटराज पुरम कॉलोनी निवासी शिव कुमार जैन की सूत का पट्टा बनाने की फैक्टरी में मंगलवार तड़के चार बजे भीषण आग लग गई। आग की लपटों के बीच गार्ड रूम में महिला कर्मचारी पिंकी और उसकी बेटी ज्योति फंस गए। वहीं प्रथम तल पर कर्मचारी मुलायम भी सो रहा था। उसने प्रथम तल से कूद कर अपनी जान बचाई। आग लगता देखकर क्षेत्र के लोग जुट गए। सूचना पर पुलिस और दमकल पहुंच गईं।
गैस कटर से काटकर खोला गेट
फैक्टरी के मेन गेट को गैस कटर से काटकर खोला गया। इसके बाद टीम गार्ड रूम में पहुंची। वहां तख्त के नीचे पिंकी और उसकी बेटी ज्योति अचेत पड़े थे। दमकल कर्मी और पुलिसकर्मी उन्हें उठाकर बाहर लाए। दोनों को ट्रांसयमुना स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। ज्योति के हाथ मामूली रूप से झुलस गए हैं। इस पर उसका उपचार किया गया। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर हैं। उधर, लपटों को एक घंटे में काबू कर लिया गया, जबकि चार घंटे में आग पूरी तरह से बुझाई जा सकी। अग्निकांड में लाखों के नुकसान की बात कही गई है। आग लगने का कारण अग्निशमन विभाग पता कर रहा है।
फैक्टरी के पीछे और सामने गैस गोदाम
फैक्टरी के पीछे की ही सरला गैस एजेंसी का गोदाम है। दोनों की दीवार आपस में मिली हुई हैं। पट्टा फैक्टरी में धमाकों से एक तरफ की दीवार ढह गई। यह दीवार गैस गोदाम में खड़े ट्रक पर जा गिरी। उनमें सिलिंडर रखे हुए थे। वहीं एक और गोदाम सीता गैस एजेंसी का 10 मीटर की दूरी पर ही था। पुलिस ने इन गोदामों से भरे हुए सिलेंडर को बाहर निकलवाया। गनीमत रही कि गैस गोदाम तक आग नहीं पहुंची। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
चार घंटे में बुझ सकी आग
आग लगने की सूचना पर छह दमकल को बुलाया गया था। तड़के अंधेरा होने की वजह से आग बुझाने में कर्मचारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इस पर क्रेन मंगाई गई। क्रेन से फैक्टरी की सामने की दीवारों को तोड़ा गया। वहीं मशीन को भी बाहर निकाला गया। इसके बाद ही आग बुझाई जा सकी। चार घंटे में आग बुझ सकी। आसपास के लोग भी घरों से बाहर निकल आए थे। पुलिस ने किसी तरह भीड़ को हटाया।
आग लगने का कारण नहीं चला पता
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अक्षय रंजन शर्मा ने बताया कि छह दमकल ने तकरीबन दो राउंड लगाए, जिसके बाद ही आग बुझी सकी। महिला और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। प्रथम दृष्टया मामला शॉर्ट सर्किट से आग का लग रहा है। हालांकि जांच की जाएगी। फैक्टरी में आग बुझाने के इंतजाम नहीं नजर आए हैं। इसके बारे में भी जांच के बाद ही पता चल सकेगा। लाखों का नुकसान हुआ है।
आबादी क्षेत्र में फैक्टरी बन रहीं खतरा
शहर की आबादी वाले इलाकों में फैक्टरी खतरा बन रही हैं। आग लगने पर आसपास के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूर्व में भी यमुनापार क्षेत्र में फैक्ट्रियों में अग्निकांड की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हाल ही में गत्ता फैक्ट्री में आग लगी थी। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। सिकंदरा क्षेत्र में भी फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी है।