- तीन साल से असहनीय कष्ट का कर रही थी सामना
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा द्वारा लगभग तीन घंटे के अथक प्रयासों के बाद तीन साल से असहनीय कष्ट का सामना कर रही सात साल की बच्ची योगिता को शल्य क्रिया के माध्यम से राहत प्रदान करने में सफलता हासिल की है। अब योगिता पूरी तरह से स्वस्थ है।
ज्ञातव्य है कि कोई तीन साल पहले बच्ची योगिता पेड़ से गिर गई थी। उसके दाहिनी जांघ में पेड़ से गिरते समय लकड़ी घुस गई थी। बचपन में ही माता-पिता को खो चुकी इस बेटी की परवरिश कर रही महावन मथुरा निवासी उसकी नानी रूपो ने लकड़ी के टुकड़े को तो निकाल दिया पर लकड़ी का कुछ हिस्सा टूटकर अंदर ही रह गया तथा उसके नासूर बन गया।
रूपो ने कष्ट से कराहती दोहित्री योगिता को कई चिकित्सकों (सर्जनों) को दिखाया लेकिन कोई भी उसकी शल्य क्रिया करने को तैयार नहीं हुआ। कारण लकड़ी का टुकड़ा मूत्राशय की थैली के पीछे फंसा हुआ था तथा इससे मूत्राशय में भी छिद्र हो गया था। अंततः लोगों ने रूपो को के.डी. हॉस्पिटल के जाने-माने शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा को दिखाने की सलाह दी। वह योगिता को लेकर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिली। डॉ. शर्मा ने बड़ी ही सूझबूझ का परिचय देते हुए लगभग तीन घंटे की शल्य क्रिया के बाद लकड़ी के टुकड़े को निकालने में सफलता हासिल की।
इस जटिल सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग सहायक आचार्य डॉ. विक्रम यादव, टेक्नीशियन योगेश और निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. नवीन सिंह ने किया। डॉ. शर्मा का कहना है कि तीन साल पुराने इस मामले में चूंकि लकड़ी का टुकड़ा गुदा और मूत्राशय के बीच फंसा था, इसलिए यह सर्जरी कठिन थी। आखिरकार हम लोगों ने पेट खोलकर लकड़ी के टुकड़े को निकालने में सफलता हासिल की। बच्ची की इस सर्जरी में हॉस्पिटल प्रबंधन का भी बहुत आर्थिक सहयोग रहा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने बच्ची योगिता की जटिल सर्जरी करने वाले चिकित्सकों को बधाई देते हुए उसके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।