वृंदावन । उत्तर भारत के विशालतम दिव्यदेश श्री रंगनाथ का दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव रविवार को पूरे विधि विधान से प्रारंभ हुआ। मंदिर के पुरोहित विजय मिश्र के आचार्यत्व में शुभ मुहूर्त के अनुसार गरुड़ स्तम्भ पर ध्वजारोहण किया गया। इसके पश्चात भगवान भगवान रंगनाथ जी माता गोदा जी के साथ पूर्ण कोठी में विराजमान किए गए। भगवान रंगनाथ की पूर्णकोठी में विराजमान सवारी निज मंदिर से निकलकर बड़े बगीचा पहुंची। जहां कुछ देर विश्राम करने के बाद पुनः निज मंदिर पधारी।
दक्षिणात्य शैली के विशालतम श्री रँगमन्दिर के दस दिवसीय ब्रम्होत्सव में ठाकुर गोदा रँगमन्नार भगवान की मनोहारी छवि के दर्शनार्थ भक्तो की भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार को ठाकुर जी पूर्णकोठी में विराजमान होकर भक्तो को दर्शन दिये। प्रसिद्ध श्री रँग मन्दिर के दस दिवसीय ब्रम्होत्सव में ठाकुर गोदा रँगमन्नार भगवान प्रतिदिन स्वर्ण रजत निर्मित निर्मित वाहनों पर विराजित होकर मन्दिर के निज गर्भगृह से बाहर निकलकर भक्तो को कृतार्थ करते है। रविवार को प्रातःकालीन सत्र में ठाकुर जी स्वर्ण निर्मित पूर्णकोठी में विराजमान होकर निकले तो सायंकाल सिंह पर आरूढ़ होंगे। ठाकुर जी की मनोहारी छवि के दर्शनों के लिए भक्तो की भारी भीड़ उमड़ रही है। मन्दिर के सेवायत स्वामी रघुनाथ आचार्य ने बताया कि ब्रम्होत्सव युगोयुग से अनवरत रूप से जारी है। ब्रम्हांड रचयिता ब्रम्हा जी द्वारा प्रारंभ किया गया यह उत्सव लोक कल्याण के निहितार्थ है।