बब्ले भारद्वाज
आगरा। कैंट स्थित मंडलीय रेलवे चिकित्सालय में गर्भपात के लिए भर्ती हुई महिला की नसबंदी कर दी। महिला का पति आरपीएफ में सिपाही है। इनका आरोप है कि बिना जानकारी दिए ही नसबंदी कर दी है। इस पर परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस पहुंची और परिजनों को शांत कराया। पति की शिकायत पर अस्पताल अधीक्षिका ने जांच के लिए कमेटी बनाई है।
मुस्तफा क्वार्टर में रहने वाले आगरा कैंट आरपीएफ थाने में तैनात कांस्टेबल योगेश बघेल ने बताया कि उनकी पत्नी निर्मला तीन माह की गर्भवती थी। एमजी रोड स्थित चेरीटेबिल अस्पताल में पत्नी का इलाज चल रहा था। अल्ट्रासाउंड कराने पर डॉक्टर ने गर्भस्थ शिशु की धड़कन न होने की बात कही। इस पर पत्नी को रेलवे अस्पताल में दिखाया। यहां फिर से अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें गर्भस्थ शिशु की धड़कन न होने की बात कहते हुए डॉक्टर ने गर्भपात कराने की सलाह दी और 17 मार्च की तिथि दी।
उन्होंने बताया कि पत्नी को तय दिन सुबह रेलवे अस्पताल में भर्ती करा दिया। ऑपरेशन के बाद पत्नी के दर्द बंद नहीं हो रहा था। डॉक्टर और स्टाफ से पूछा तो कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था। हालत में सुधार न होने पर आक्रोश बढ़ गया तो स्टाफ ने बताया कि पत्नी की नसबंदी का ऑपरेशन भी कर दिया है, जबकि हमसे कोई लिखित में अनुमति भी नहीं ली। मेरी दो बेटियां हैं। इस पर परिजनों ने हंगामा किया और 112 नंबर पर पुलिस को सूचना भी दी।
इस मामले में आगरा रेल मंडल की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि महिला मरीज ने नसबंदी के लिए फॉर्म पर अपनी सहमति दी है, फिर भी शिकायत पर डॉ. शोभा दयाल के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है, जोकि सोमवार तक अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद कार्रवाई तय होगी। आरोपी चिकित्सक अस्पताल में संविदा पर सेवाएं दे रही हैं।