मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में प्रतिवादी पक्ष शाही मस्जिद ईदगाह मंगलवार को जिला जज की अदालत में अपना पक्ष रखेगा। 28 जनवरी को हुई सुनवाई में शाही मस्जिद पक्ष ने श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल दावे की अपील को गलत बताया था। अदालत ने प्रतिवादी की आपत्ति को स्वीकार करते हुए अपील को संशोधित करते हुए रिवीजन में बदल दिया है। श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर आज सुनवाई होगी। गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर जिला जज की अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है।
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व अन्य ने श्रीकृष्ण विराजमान के भक्त के रूप में 25 सितंबर 2020 को अदालत में दावा किया था कि शाही मस्जिद ईदगाह के साथ वर्ष 1967 में हुए समझौते के बाद हुई डिक्री (न्यायिक निर्णय) को रद्द कर दिया जाए। जिससे कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित कटरा केशवदेव की 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण विराजमान को मिल सके।
याचिका भगवान श्रीकृष्ण विराजमानश् और श्स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि के नाम से दायर की गई है. इसके मुताबिक, जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, वही जगह कारागार था, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
याचिका में अतिक्रमण और मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। हालांकि, शाही मस्जिद पक्ष का तर्क है कि इस केस में प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 लागू होता है। इस ऐक्ट के मुताबिक, आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा। इस ऐक्ट के तहत सिर्फ रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी।