Wednesday, October 23, 2024
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पाकिस्तानी डिग्रीधारकों को भारत में नौकरी और उच्च शिक्षा पर लगा प्रतिबंध, एडवाइजरी जारी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पाकिस्तान डिग्री धारकों के लिए नौकरी और उच्च शिक्षा को खत्म करने का फैसला किया है। यानि, ऐसे लोग, जिनके पास पाकिस्तान की डिग्री है, उन्हें भारत में ना ही किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला मिलेगा और ना ही उन्हें भारत में नौकरी दी जाएगी।

भारत सरकार की एडवाइजरी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने भारतीय छात्रों को पाकिस्तानी शैक्षणिक संस्थानों में नहीं जाने के लिए कहा है। भारतीय छात्रों को चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि, पाकिस्तान डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की डिग्री भारत में मान्य नहीं हैं और ऐसे छात्रों को भारत में नौकरी नहीं दी जाएगी।

22 अप्रैल को नोटिस जारी
22 अप्रैल को जारी एक नोटिस में कहा गया है कि, श्कोई भी भारतीय नागरिक या भारत का प्रवासी नागरिक, जो पाकिस्तान के किसी भी डिग्री कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, वह पाकिस्तान में प्राप्त की गई ऐसी शैक्षिक योग्यता (किसी भी विषय में) के आधार पर भारत में रोजगार या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगाश्। यूजीसी और एआईसीटीई ने कहा कि, पाकिस्तानी शैक्षिक डिग्री वाले प्रवासी, जिन्हें भारतीय नागरिकता दी गई है, उन्हें गृह मंत्रालय से मंजूरी के बाद ही भारत में नौकरियों के लिए विचार किया जा सकता है।

भारतीय छात्रों को चेतावनी
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि, भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए किन देशों में जाना है, इस पर सलाह की जरूरत है, ताकि वे ष्भारतीय नियमों के साथ समानता के बिना डिग्री के साथ न उतरेंष्। द टाइम्स ऑफ इंडिया ने एआईसीटीई के अध्यक्ष के हवाले से कहा कि, श्माता-पिता और छात्रों को अपनी मेहनत की कमाई को किसी ऐसी चीज के लिए बर्बाद नहीं करना चाहिए, जिसकी भारत में समानता न हो।ष् उन्होंन कहा कि ष्हमने यूक्रेन और सहित अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के मामले देखे हैं और फिलहाल चीन में पढ़ने वाले छात्र भी इसका ताजा उदाहरण बने हैंश्।

छात्रों को परेशानी से बचाने की कोशिश

यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने भी कहा कि, श्हाल के दिनों में हमने देखा है कि, कैसे हमारे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए वापस विदेशों में नहीं जा पा रहे हैंश्। आपको बता दें कि, हालिया समय में देखा जा रहा है, कि विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और चीन में पढ़ने वाले हजारों छात्र भी काफी परेशान हैं। चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका के छात्रों को वापस देश आने की इजाजत दे दी है, जबकि भारतीय छात्रों को लेकर अभी भी फैसला नहीं किया गया है और रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार चीन को लेकर भी बहुत जल्द फैसला लेने वाली है।

कुछ मामलों में राहत

ऐसे नागरिक, जो मूल रूप से पाकिस्तान के रहने वाले थे और जिन्हें भारत में नागरिकता दी गई है, उन्हें छूट दी जाएगी। एआईसीटीई अध्यक्ष ने कहा कि, शिक्षा समानता केस-टू-केस आधार पर दी जाएगी और कुछ को कुछ परीक्षा देने की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने कहा कि ष्कुछ कठिन परिस्थितियों के लिए मामले अलग हैं। इसलिए जिन्हें भारत सरकार से नागरिकता मिली है, उन्हें सरकार समर्थन देगी। हालांकि डिग्री समानता केस-टू-केस आधार पर की जाएगी, क्योंकि सभी डिग्री समान नहीं हो सकती हैं और कुछ को कुछ परीक्षाएं देनी पड़ सकती हैं। जैसा कि यूक्रेन या चीन जैसे देशों से अर्जित मेडिकल डिग्री के मामले में होता है।

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