Wednesday, October 23, 2024
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मातृ दिवस: राजीव इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने कहा- ममतामयी मां जैसा कोई नहीं

  • छात्र-छात्राओं ने मातृ दिवस पर प्रस्तुत किए नयनाभिराम कार्यक्रम


मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मातृ दिवस पर छात्र-छात्राओं ने ममतामयी मां की महत्ता पर अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मां जैसा कोई नहीं। बच्चों ने मनोहारी कार्यक्रमों के माध्यम से भी मां के महत्व को सर्वोपरि निरूपित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की प्रतिमा पर वृन्दावन स्थित अनिरुद्ध आचार्य जी के वृद्धा आश्रम की माताओं द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।


राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित मातृ दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वागत गीत व गणेश वंदना से हुआ। छात्र-छात्राओं ने गायन व मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित अभिभावकों तथा वृन्दावन स्थित अनिरुद्ध आचार्य जी के वृद्धा आश्रम की माताओं का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मातृ सम्बन्धी नृत्य प्रस्तुति रही। स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने उपस्थित अभिभावकों व मुख्य अतिथियों का अभिवादन किया तथा उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किए। अतिथियों ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए जीवन में मां के महत्व से उन्हें रूबरू कराया।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में मातृ दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सही मायने में मां के चरणों में ही स्वर्ग समाया होता है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी कहा गया है, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी यानी जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं। स्कूल के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने मातृ दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि मां शब्द में समस्त ब्रह्मांड समाया है। मां के समान कोई गुरु नहीं तथा मां से बढ़कर इस संसार में कोई दूसरा सहारा नहीं हो सकता। सच कहें तो मां की छत्रछाया में ही जीवन का सुख है, मां की कमी को कोई दूसरा पूरा नहीं कर सकता।

स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने उपस्थित अतिथियों तथा छात्र-छात्राओं को मातृ दिवस की बधाई देते हुए कहा कि माता का गौरव सर्वोपरि है। मां दुनिया का एकमात्र ऐसा शब्द है जिसे किसी परिभाषा की जरूरत नहीं क्योंकि यह शब्द नहीं एहसास है। अंत में उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें प्रतिपल मां के मान-सम्मान की फिक्र करनी चाहिए क्योंकि मां के सुख में ही जन्नत है। कार्यक्रम का संचालन अनुज, तेजस, शेफालिका, संतुष्टि, शुभी तथा श्रेयस ने किया।

विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करतीं अनिरुद्ध आचार्य जी के वृद्धा आश्रम की मातुश्री। दूसरे चित्र में कार्यक्रम प्रस्तुत करती छात्राएं।

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