- नर्स असल जिन्दगी में भी किसी योद्धा से कम नहीं- डॉ. राजेन्द्र कुमार
मथुरा। कोरोना काल में डॉक्टर्स और नर्सेज का योगदान किसी से छिपा नहीं है। कोविड योद्धा कहलाने वाली नर्स असल जिन्दगी में भी किसी योद्धा से कम नहीं होती। पेशेवर डॉक्टर जब दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते हैं, तब रोगियों की चौबीस घंटे देखभाल करने की जिम्मेदारी नर्स को ही दी जाती है। नर्सेज न केवल रोगियों के मनोबल को बढ़ाती हैं बल्कि रोगी को बीमारी से लड़ने और देखरेख के साथ स्वस्थ होने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उक्त उद्गार के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर व्यक्त किए।
के.डी. हॉस्पिटल में अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस कार्यक्रम के शुभारम्भ से पूर्व फ्लोरेंस नाइटिंगल की यादों को जीवंत रखने के लिए हर्षोल्लास के बीच केक काटा गया और सभी नर्सेज ने सेवाभाव का संकल्प लिया। चिकित्सा अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में बताया कि सन् 1974 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी। फ्लोरेंस नाइटिंगल ने आधुनिक नर्सिंग की स्थापना की थी, इसीलिए उनकी जयंती के रूप में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। हर साल इंटरनेशनल नर्सेज डे पर थीम डिसाइड की जाती है। इस साल की थीम ‘नर्सेस : ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एण्ड रिस्पेक्ट राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ’ रखी गई है।

इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक निदेशक अरुण अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर्स और नर्सेज एक गाड़ी के दो पहिए के समान होते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों के योगदान को कम नहीं माना जा सकता। स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत नर्सों को समाज में उनके परिश्रम और सेवा के लिए सम्मानित नजरिए से देखा जाता है। एक नर्स अपनी परेशानी को नजरअंदाज करते हुए मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से हमेशा रोगी की देखभाल करती है। एक नर्स ही होती है जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों का जीवन बचाती है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस हमें उन नर्सों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जो महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे अग्रिम पंक्ति की योद्धा होती हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने अपने संदेश में सभी नर्सेज को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस की बधाई देते हुए फ्लोरेंस नाइटिंगल के पदचिह्नों पर चलने का आह्वान किया।
इस अवसर पर हॉस्पिटल प्रभारी अमित शर्मा तथा नर्सेज सुपरिंटेंडेंट शीला एलेक्स ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर वेद प्रकाश, समीर गौतम, अमित गोस्वामी, अतुल पाठक, अखिलेश शुक्ला, प्रियाकांत यादव, शिवकुमार सिंह, थनकम्मा वर्गीस, शीला थॉमस, निर्मला रुथ, बृजेश कुमार, हिमांशु शर्मा, प्रवीन कुमारी, शाइबी इसकरिया, कुसुमलता, लव सिंह, बृजबिहारी, अभिलाष शिवा, दिनेश, राजीव, पवन, पुष्पेन्द्र, देवेन्द्र, विष्णु, प्रबंत सहित बड़ी संख्या में नर्सेज तथा अन्य चिकित्सा कर्मचारी उपस्थित थे।