- विद्यार्थी का जीवन भर मार्गदर्शन करता है व्यावहारिक ज्ञानः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
मथुरा। छात्र जीवन में जितना जरूरी किताबी ज्ञान है, उससे कहीं अधिक इण्डस्ट्रियल विजिट का भी महत्व होता है। शैक्षिक भ्रमण में सीखी गई बातें जीवन भर मानसपटल पर अंकित रहती हैं। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट समय-समय पर अपने छात्र-छात्राओं को इण्डस्ट्रियल विजिट के लिए भेजता रहता है ताकि वे अपना व्यावहारिक ज्ञान बढ़ा सकें। इसी कड़ी में विगत दिवस संस्थान के बीबीए, बीसीए, बीएससी एवं बी.ईकॉम के विद्यार्थियों ने छाता स्थित कोकाकोला कम्पनी का इण्डस्ट्रियल भ्रमण कर वहां के स्ट्रक्चर और साफ्ट ड्रिंक्स पेय प्रोडक्शन आदि के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया।
ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग के अनुसार उक्त समस्त कोर्सों के विद्यार्थियों ने कोकाकोला कम्पनी पहुंच कर शीतल पेय निर्माण की महत्वपूर्ण बातों की जानकारी वहां कार्यरत तकनीकी विशेषज्ञों से हासिल की। इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने सम्पूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी लेते हुए जाना कि सॉफ्ट ड्रिंक्स पेय फैक्ट्री खोलने के लिए कौन-कौन से संसाधन जरूरी होते हैं। कम्पनी के एच.आर. मैनेजर ने विद्यार्थियों को प्रोडक्शन यूनिट में उपलब्ध रॉ-मटीरियल और उत्पादन यूनिट के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इण्डस्ट्रियल विजिट से लौटे छात्र-छात्राओं ने वहां प्राप्त अनुभव को बहुत उपयोगी बताया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा में किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान होना भी जरूरी है। शैक्षिक भ्रमण से करिअर में बहुत कुछ सुधार किया जा सकता है। दरअसल, व्यावहारिक तथा प्रायोगिक ज्ञान दोनों ही शैक्षिक भ्रमण से ही मजबूत और पुष्ट होते हैं। ऐसे भ्रमण से उन बारीकियों का पता चलता है जोकि किताबों में नहीं होता। व्यावहारिक ज्ञान विद्यार्थी का जीवन भर मार्गदर्शन करता है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को शैक्षिक भ्रमण के दौरान उन महत्वपूर्ण बातों को नोट करना चाहिए जोकि कार्यस्थल पर उन्हें बताई गई हैं। प्रत्येक शैक्षिक भ्रमण का अपना महत्व होता है लिहाजा इसे मनोरंजन न मानते हुए नसीहत के रूप में जीवन में लेना चाहिए।