लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2022 को मंजूरी दे दी गई है। इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने दी है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत 15 से 30 जून तक तबादले किए जाएंगे। यह नीति वर्ष 2022-23 के लिए है। इसके तहत समूह क और ख के अधिकारियों द्वारा जनपद में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूरे होने पर स्थानांतरण की व्यवस्था की गई है।
समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक किए जा सकेंगे।समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गई है। समूह ग के कार्मिकों के पटल परिवर्तन व क्षेत्र परिवर्तन विषयक शासनादेश 13 मई 2022 को कड़ाई से पालन करने की व्यवस्था की गई है।
बैठक में पुलिस के 40 हजार पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। बैठक में कृषि, उच्च शिक्षा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति सहित विभिन्न विभागों के करीब डेढ़ दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
मेडिकल डिवाइस पार्क से जुड़े प्रोत्साहन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति-2018 के प्रस्तर-12.5 के तहत केन्द्र सरकार की योजना के अन्तर्गत स्वीकृत ‘मेडिकल डिवाइस पार्क’ में स्थापित होने वाली इकाईयों को दिये जाने वाले प्रोत्साहन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत ‘मेडिकल डिवाइस पार्क’ में स्थापित होने वाली इकाईयों को पूंजीगत ब्याज सब्सिडी, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, एयर कार्गा हैण्डलिंग चार्ज और फ्रेट इन्सेण्टिव, ईपीएफ प्रतिपूर्ति, शून्य अपशिष्ट प्रोत्साहन, कौशल विकास, पेटेण्ट फाइलिंग शुल्क प्रतिपूर्ति, गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति, लैण्ड लीज दर, उपयोगिता शुल्क में छूट, स्टाम्प ड्यूटी में छूट एवं विपणन सहायता आदि प्रोत्साहन प्रदान किये जायेंगे। मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से मेडिकल डिवाइस विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा एवं इस क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि गौतमबुद्धनगर के यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 350 एकड़ क्षेत्रफल में मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना प्रस्तावित है। यह पार्क यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-28 में स्थापित किया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 439.40 करोड़ रुपये (भूमि की लागत को छोड़कर) होगी। यह मेडिकल डिवाइस पार्क प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क होगा।
किसान समृद्धि योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में बीहड़, बंजर व जल भराव क्षेत्रों के सुधार एवं उपचार हेतु पं दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना (वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक) के क्रियान्वयन का निर्णय लिया है। योजना का संचालन प्रदेश के समस्त 74 जनपदों (जनपद गौतमबुद्धनगर को छोड़कर) प्रस्तावित है।
मंत्रिपरिषद ने योजना में किसी प्रकार के परिवर्तन व संशोधन के लिए मुख्यमंत्री योगी को अधिकृत किया है। योजनान्तर्गत चयनित परियोजना क्षेत्र के समस्त कृषक एवं कृषक मजदूर योजना के लाभार्थी के रूप में प्रस्तावित हैं। परियोजना क्षेत्र के चयन में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दिया जाना प्रस्तावित है, जहां लघु-सीमान्त कृषकों, अनुसूचित जाति व जनजाति कृषकों एवं भू-आवंटी की अधिकता होगी।
765 केवी उपकेन्द्र मेरठ से सम्बन्धित 400 केवी एवं 220 केवी लाइनों की लागत के पुनरीक्षण के सम्बन्ध में प्रस्ताव अनुमोदित मंत्रिपरिषद ने 765 केवी उपकेन्द्र मेरठ से सम्बन्धित 400 केवी एवं 220 केवी लाइनों की लागत के पुनरीक्षण के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत 765 केवी उपकेन्द्र मेरठ से सम्बन्धित 400 केवी डीसी मेरठ शामली लाइन का टीबीसीबी पद्धति से निर्माण की कुल लागत 164.53 करोड़ रुपये एवं 765 केवी उपकेन्द्र मेरठ से सम्बन्धित 220 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन एवं सम्बन्धित ‘हाइब्रिड बे’ तथा 220 केवी डीसी मेरठ-अमरोहा लाइन एवं सम्बन्धित ‘हाइब्रिड बे’ का निर्माण ईपीसी पद्धति से कराने तथा इस कार्य की कुल लागत 141.37 करोड़ रुपये का वित्त पोषण 70 प्रतिशत वित्तीय संस्थाओं से ऋण एवं शेष 30 प्रतिशत शासकीय अंश पूंजी से कराने का निर्णय लिया गया है।
कार्यदायी संस्था की नियुक्ति के उपरान्त 18 माह में कार्य पूर्ण किया जाना सम्भावित है। 765 केवी उपकेन्द्र मेरठ से सम्बन्धित 400 केवी डीसी मेरठ-शामली लाइन के निर्माण एवं 22 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन के निर्माण से शामली, जानसठ तथा अमरोहा क्षेत्र के भविष्यगत भार की पूर्ति तथा सुदृढ़ प्राथमिक स्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। जनपद शामली, जानसठ तथा अमरोहा क्षेत्र में सुचारू एवं सुदृढ़ विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा नाबार्ड से ऋण आहरित करने हेतु शासन द्वारा नाबार्ड के पक्ष में वर्ष 2022-23 के लिए 1000 करोड़ रु की शासकीय गारंटी स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2022-23 (दिनांक 01 जुलाई, 2022 से 30 जून, 2023 तक) हेतु उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक को ओवर ऑल गारण्टी की सीमा को कतिपय शर्ताें एवं प्रतिबन्धों के अधीन स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0, लखनऊ के ऋण अथवा अन्य प्रकार से पुनर्वित्त आहरण के मूलधन के प्रतिदान तथा उनकी परिपक्वता भुगतान तिथि तक ब्याज के भुगतान के लिए नाबार्ड के पक्ष में दी जाने वाली गारण्टी की अधिकतम सीमा वर्ष 2022-23 (01 जुलाई, 2022 से 30 जून, 2023 तक) के लिए 01 हजार करोड़ रुपये निर्धारित की गयी है। साथ ही, निबन्धक सहकारी समितियां उत्तर प्रदेश को पूर्व निर्धारित शर्तों पर वर्ष 2022-23 (01 जुलाई, 2022 से 30 जून, 2023 तक) के लिए 500 करोड़ रुपये की सीमा तक ऋण अथवा अन्य प्रकार से पुनर्वित्त आहरण की स्वीकृति देने का अधिकार प्रदान किया गया है।
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि लखनऊ द्वारा कृषकों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करके उनकी सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान किया जाता है। ऋण वितरण हेतु बैंक के पास स्वयं के निजी संसाधन पर्याप्त न होने के कारण नाबार्ड से ऋण के रूप में धनराशि प्राप्त करने हेतु शासन द्वारा प्रत्याभूति प्रदान की जाती है। नाबार्ड द्वारा बैंक को यह वित्तीयन प्रदान किये जाने से पूर्व उत्तर प्रदेश शासन से शासकीय गारण्टी निर्गत किये जाने की अपेक्षा की जाती है।
पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउण्डेशन, उत्तर प्रदेश के गठन के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 (यथा संशोधित, 2006) की धारा-38(एक्स) में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पीलीभीत टाइगर रिजर्व फाउण्डेशन का संगम ज्ञापन एवं पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउण्डेशन, उत्तर प्रदेश की नियमावली के अनुरूप पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउण्डेशन का गठन किये जाने एवं फाउण्डेशन के संबंध में अन्य निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री योगी को अधिकृत किये जाने का निर्णय लिया है।
वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 (यथा संशोधित, 2006) की धारा-38(एक्स) के प्रावधानों के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य के भीतर व्याघ्र और जैव विविधता के संरक्षण एवं उसके प्रबंधन के लिये बाघ संरक्षण फाउंडेशन सम्बन्धित टाइगर रिजर्व हेतु स्थापित किया जाना आवश्यक है। पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउण्डेशन का गठन भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमति के आधार पर एक ‘समिति’ के रूप में किया जा रहा है।
इस फाउण्डेशन का उद्देश्य स्वीकृत टाइगर कन्जर्वेशन प्लान के अनुसार विभिन्न स्टेक होल्डर की सहभागिता से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रबन्धन को बाघ एवं जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करना होगा। उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समिति की गतिविधियाँ कार्यदायी संस्था तथा उसके स्टाफ द्वारा संचालित होगी अथवा किसी संस्था अभिकरण या कार्यदायी संस्था के सहयोग से व्यक्तिगत लोगों द्वारा प्रायोजित तथा सहायतित होगी।
यूपी विधान सभा एवं विधान परिषद् के वर्तमान सत्र का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से कराने के प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद् के वर्तमान सत्र का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से कराने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। उत्तर प्रदेश विधान सभा/विधान परिषद का वर्तमान सत्र 23 मई, 2022 को आहूत किया गया था, जिसमें विधान सभा एवं विधान परिषद् की बैठकें 31 मई, 2022 के उपवेशन की समाप्ति के पश्चात् अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गयी हैं। उक्त सत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद् के कुल 08-08 उपवेशन हुए।
वर्तमान सत्र वर्ष 2022 का प्रथम सत्र होने के कारण 23 मई, 2022 को विधान मंडल के एक साथ समवेत दोनों सदनों के समक्ष राज्यपाल का अभिभाषण प्रस्तुत हुआ। इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-2023 का आय-व्ययक विधान मण्डल में प्रस्तुत किया गया तथा इससे संबंधित विनियोग विधेयक दोनों सदनों से पारित कराया गया।
इसके अतिरिक्त, विधान मंडल के वर्तमान सत्र में 05 अन्य विधेयक विधान सभा में पुन:स्थापित कराये गये, जो दोनों सदनों से पारित हो गये हैं। वर्तमान में विधान मंडल से कोई कार्य कराया जाना शेष नहीं है। इसलिए सत्रावसान कराने का निर्णय लिया गया है।
भातखण्डे संगीत संस्थान के कार्मिकों को सेवानैवृत्तिक देयों-पेंशन आदि के निर्वहन के संबंध में
कैबिनेट ने भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, (सम्प्रति भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय) लखनऊ की आय नगण्य होने के दृष्टिगत भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ के कार्मिकों को सेवानैवृत्तिक देयों-पेंशन आदि के भुगतान के संबंध में शासनादेश दिनांक 30 नवम्बर, 2009 तथा शासनादेश दिनांक 27 दिसम्बर, 2010 को संशोधित कर दिनांक 18.04.2001 के पूर्व पूर्ण शासकीय स्वरूप में कार्यरत कार्मिकों के पेंशनरी अंशदान का वहन राज्य सरकार द्वारा किये जाने से सम्बन्धित नवीन शासनादेश का प्रख्यापन किये जाने तथा ऐसे कार्मिकों के सेवानैवृत्तिक देयों पेंशन आदि के भुगतान हेतु आवश्यकतानुसार 4,22,38,995 (चार करोड़ बाइस लाख अड़तिस हजार नौ सौ पिचानवे रुपये मात्र) रुपये की एकमुश्त धनराशि वित्त विभाग द्वारा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय, लखनऊ संस्कृति विभाग के नियंत्रणाधीन पूर्ण रूप से शासकीय इकाई के रूप में गतिशील थी। शासनादेश संख्या-274/चार-2001-11(12)/83 दिनांक 18 अप्रैल, 2001 द्वारा भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय, लखनऊ को डीम्ड विश्वविद्यालय का स्तर प्रदान किया गया।
भातखण्डे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व में कार्यरत ऐसे शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कार्मिक, जो वर्ष 2001 में विकल्प देकर भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में कार्यरत रहे, उन्हें पूर्ण सरकारी सेवको की भाँति सेवानैवृत्तिक देयों पेंशन आदि का लाभ अनुमन्य था। शासनादेश दिनांक 30 नवम्बर, 2009 तथा शासनादेश दिनांक 27 दिसम्बर, 2010 द्वारा यह व्यवस्था की गयी थी कि भातखण्डे डीम्ड विश्वविद्यालय में वर्ष 2001 के पूर्व के कार्मिकों को पेंशन आदि की सुविधा तो अनुमन्य रहेगी, परन्तु इसका अंशदान भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय द्वारा अपनी आय के स्रोतों से वहन किया जायेगा। भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय की आय नगण्य होने के कारण भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, (सम्प्रति भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय) लखनऊ वर्ष 2001 के पूर्व से कार्यरत कार्मिकों का पेंशनरी अंशदान जमा करने में सक्षम नहीं है।
एकमुश्त शास्ति समाधान योजना-2022’ को मंजूरी
यूपी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1997 (अधिनियम संख्या-21/1997) की धारा-4 एवं 9 सपठित उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान नियमावली, 1998 के नियम-24 के अन्तर्गत विभिन्न श्रेणी के व्यावसायिक वाहनों पर आदेश अधिसूचित होने की तिथि तक पुराने देय बकायों पर देय शास्तियों को शत-प्रतिशत छूट प्रदान किये जाने हेतु व्यावसायिक वाहनों के लिए ‘एकमुश्त शास्ति समाधान योजना, 2022’ लागू किये जाने के लिए प्रस्तावित अधिसूचना आदेश को अनुमोदित कर दिया है।
इसके अन्तर्गत 01 अप्रैल, 2020 को अथवा उसके पूर्व रजिस्ट्रीकृत परिवहन यानों पर संदेह विलम्ब कर संदाय हेतु शास्ति के संदाय में अधिसूचना आदेश के गजट में अधिसूचित किये जाने की दिनांक से 05 माह तक के लिए कतिपय निबन्धन एवं शर्तों के अधीन छूट प्रदान की जाएगी।