मथुरा। यूपी के प्रयागराज के बाद अब मथुरा से वृंदावन के बीच भी लाइट मेट्रो चलाई जाएगी। हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व अधिकारियों के साथ मथुरा ब्रज क्षेत्र के विकास की विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। इसी बैठक में बैठक में मथुरा-वृंदावन के बीच 1000 करोड़ रुपये से लाइट मेट्रो रेल चलाने की योजना को मंजूरी दी गई।
इसके बाद बैठक में मथुरा-वृंदावन रेल मार्ग प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श किया गया। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस परियोजना पर मंडल रेल प्रबंधक आगरा के यहां गतिशक्ति यूनिट स्थापित कर दी गई है। अब वह जल्दी ही मथुरा-वृंदावन लाइट रेल योजना शुरू करने के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो जाएगा। लाइट मेट्रो परियोजना पर लगभग 1000 करोड़ रुपये का खर्च आए। इससे श्रद्धालुओं को मथुरा से वृंदावन आने-जाने में सहूलियत होगी, वे बिना ट्रैफिक जाम में फंसे अपनी यात्रा कर सकेंगे।
प्रयागराज में कुंभ से पहले आ सकती है लाइट मेट्रो
संगम नगरी प्रयागराज को स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के तहत 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले लाइट मेट्रो मिलने की संभावना है। मेट्रो के निर्माण को लेकर डीपीआर राइट्स तैयार करेगी। डीपीआर को मंजूरी मिलते ही इसके निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार ने महाकुंभ के लिए 100 करोड़ का बजट जारी किया है। इसी बजट से डीपीआर तैयार किया जाएगा। मेट्रो शुरू होने से महाकुंभ में संगम नगरी पहुंचने वाले यात्रियों को बड़ी सहूलियत होगी।
लाइट मेट्रो के क्या हैं फायदे
दावा किया जा रहा है कि मौजूदा मेट्रो सिस्टम के मुकाबले लाइट मेट्रो की लागत लगभग आधी होगी। अभी तक लाइट मेट्रो के बारे में कहा जा रहा है कि लाइट मेट्रो ज्यादातर जमीन पर ही दौड़ेगी और बहुत जरूरी होने पर ही उसे एलिवेटिड बनाया जाएगा। यही नहीं, इसके स्टेशन भी एक बड़े बस स्टैंड की तरह होंगे। मौजूदा मेट्रो की तरह सिक्युरिटी के इंतजाम भी वहां नहीं होंगे। ट्रेनें भी अपेक्षाकृत छोटी होंगी और उनमें टिकटिंग सिस्टम बसों की तरह ही होगा।
यानी ट्रेन के अंदर जाकर पैसेंजर को अपना कार्ड पंच करना होगा। इस तरह खर्च में भारी कटौती हो जाएगी। अभी मेट्रो लाइन की औसत लागत ढाई सौ से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये प्रति किमी आती है, जो लाइट मेट्रो के लिए कम होकर सवा सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये पर आ जाएगी।