मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र में कुशल-संसाधन, जलवायु-स्मार्ट फसल, प्रौद्योगिकियों की पहचान, मृदा परीक्षण परिचय कराने के उद्देष्य से इंटरनेशनल सेंटर फॉर बायोसेलाइन एग्रीकल्चर (आईसीबीए) दुबई से एमओयू साइन किया है।
आईसीबीए दुबई के साथ हुए एमओयू के माध्यम से दोनों ही संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं प्रोफेसरों को तकनीकी विनमय का उच्च स्तर पर लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही कृषि पर आधारित संगोष्ठियां, इंटर्नशिप कार्यशाला, छात्र और शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम एवं संयुक्त सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। समयानुसार आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थी और विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे।
विदित रहे कि जीएलए विश्वविद्यालय ने बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की शुरूआत बीते वर्षों की थी। इस कोर्स की शुरूआत से ही इंटर पास छात्र-छात्राओं का प्रवेश हेतु रूझान देखने को मिला। इस वर्ष भी प्रवेश के लिए अच्छी संख्या में विद्यार्थी रजिस्टेªशन करा रहे हैं। इस कोर्स को करने के बाद एग्रीकल्चर के क्षेत्र में तमाम अवसर हैं। सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में बेहतर पैकेज पर रोजगार मिलते हैं। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र रोजगारपरक हो इसका भी ध्यान रखा जाता है।
डीन इंटरनेशनल रिलेशंस एंड एकेडमिक कोलॉबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने जानकारी देते बताया कि यह एमओयू जीएलए के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह और आईसीबीए दुबई के एक्टिंग डायरेक्टर जनरल डॉ. तरीफा ए एआई जाबी के हस्ताक्षर के बाद प्रभावी हुआ है। उन्होंने ये भी कहा कि इस समझोते की सहायता से जीएलए आईसीबीए लेड युथ इन्गेजमेन्ट सोसाइटी के साथ मिलकर स्थानीय एवं वैष्विक स्तर पर भोजन संरक्षण एवं फसलों के उत्पादन मे आ रही समस्यायों को भी कम करने में प्रयासरत रहेगी।
बीएससी एग्रीकल्चर के डीन प्रो. सुरेन्द्र सिंह सिवाच ने बताया कि दुबई की आईसीबीए संस्था कुशल-संसाधन, जलवायु-स्मार्ट फसलों, प्रौद्योगिकियों की पहचान, मृदा परीक्षण और उपयुक्त परिवर्तन को देखते हुए जैसे लवणता, पानी की कमी और सूखे से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों के लिए रिसर्च कर समस्याओं के समाधान हेतु नई खोज को अंजाम देती है। इस एमओयू के माध्यम से अब जीएलए के विद्यार्थी और प्रोफेसर भी संस्था के सहयोग से नई खोज कर सकेंगे। उन्होंने जानकारी देते बताया कि विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु कई एकड़ भूमि पर फसल उगाकर विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों पर परीक्षण कराया जाता है। साथ ही साथ आधुनिक लैब में भी मृदा परीक्षण हेतु जानकारी दी जाती है। इस अवसर पर असिस्टेंट मैनेजर एकेडमिक कोलॉबोरेशन हिमानी कौशिक का सहयोग सराहनीय रहा।