मथुरा। जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव भारती के निर्देशानुसार आज हिंदी दिवस के अवसर पर राजकीय शिशु सदन मथुरा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनिका वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर राजकीय शिशु सदन, मथुरा के अधीक्षक श्री राजेश कुमार सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित मिले।
अधीक्षक द्वारा बताया गया कि आज निरीक्षण दिनांक को संस्था में 40 बच्चे निवासरत हैं। जिसमे से 01 शिशु केजीएमयू, लखनऊ में ईलाज हेतु भर्ती है। आज प्रातः बच्चों को नाश्ते में परांठा व मीठा दूध तथा दोपहर के भोजन में चावल, दाल मसुढ़, सूखी सब्जी व सलाद दिया गया है। चिकित्सकों की टीम द्वारा नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। वर्तमान में कोई भी बच्चा व कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव नहीं है। निरीक्षण दौरान साफ-सफाई सामान्य पाई गई।
निरीक्षण दौरान बच्चे शिक्षण कक्ष में पढ़ते हुए मिले, जिन्हे अध्यापक श्री हरवीर सिंह द्वारा शिक्षा प्रदान कराई जा रही थी। छोटे शिशु अपने-अपने कमरों में आराम कर रहे थे। संस्था के प्रथम तल भी बने एक वातानुकुलित कक्ष में 0 उम्र से 01 वर्ष तक के बच्चे रखे गये हैं। बच्चे काफी खुश प्रतीत हो रहे थे।
निरीक्षण उपरान्त आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा 14 सितम्बर राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर उपस्थित शिशुओं व संस्था के कर्मचारियों, अध्यापक आदि को बताया कि आज 14 सितम्बर 2022 को हमारा देश हिन्दी दिवस के रूप में मना रहा है। हिन्दी भारत की नहीं बल्कि दुनिया की प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिन्दी भारत की पहचान है और हमारा सम्मान भी। हिन्दी भारत और दुनिया के अन्य देशों में बसे भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है। एक ही देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। देश के प्रत्येक राज्य में बसे जनमानस को हिन्दी के महत्व के बारे में समझाने और इसके प्रसार-प्रचार के लिए भारत हिन्दी दिवस मनाता है।
विदेशों में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी खासी जनसंख्या है। भारत में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिन्दी की अनदेखी को रोकने के उद्देश्य से हिन्दी दिवस को मनाने की शुरूआत हुई। महात्मा गाँधी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है लेकिन इसे भारत की राजभाषा जरूर माना गया है। हिन्दी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग होता है। हिन्दी दिवस के दिन लोगों को हिन्दी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के समारोह और सेमिनार का आयोजन किया जाता है। स्कूलों में प्रतियोगी कार्यक्रमों का आयोजन होता है। उपस्थित नन्हे मुन्ने बच्चों को हिन्दी भाषा का महत्व बताया गया।