Thursday, March 20, 2025
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पराली को गौशाला के लिए दान देने वाले किसान होंगे सम्मानित

  • टीम भावना के साथ कार्य करते हुए पराली को न जलने दें
  • प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी किसानों से संपर्क कर पराली को गौशालाओं में पहुॅचायें
  • प्रत्येक धान एवं बाजरा क्रय केन्द्र प्रातः 09 से 05 बजे तक रहेंगे सुचारू
  • क्रय केन्द्रों पर अनियमितता मिलने पर प्रभारी के विरूद्ध दर्ज होगी एफआईआर

मथुरा। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कलेक्टेªट सभागार में पराली/फसल अवशेष प्रबंधन एवं धान तथा बाजरा के क्रय केन्द्रों के संबंध में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप अवगत ही हैं कि धान की कटाई का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। पराली को जलाने से रोका जाना अति आवश्यक है। पराली जलाने से सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जो हमारी भूमि व फसलों के लिए बहुत ही लाभदायक व महत्वपूर्ण हैं।

पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य, पशु व पक्षियों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पडता है। वायु गुणवत्ता में कमी आती है, इससे आंखों में जलन, त्वचारोग, हृदय व फेफड़ो की गम्भीर बीमारियों हो जाती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आवश्यक है कि धान पराली का वैज्ञानिक ढंग से मशीनों के द्वारा प्रबन्ध कर भूमि में मिलायें तथा अपने खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें, धान पराली प्रबन्धन में सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चापर, जीरोट्रिल, रोटावेटर तथा एम०बी० प्लाऊ का प्रयोग किया जाये।


जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये हैं कि अपनी अपनी ग्राम पंचायत के समस्त किसानों को धान पराली व अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाने हेतु जागरूक करें। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर के लाभार्थियों को उपलब्ध कराये गये कृषि यन्त्रों से पराली का प्रबन्धन करने के निर्देश दिये। आत्मा योजना के सहयोगी कृषको को उनके कार्यक्षेत्र के गाँवों में पराली न जलाने हेतु कृषकों को जागरूक करने के निर्देश दिये। समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, डीपीआरओ, कृषि, खण्ड विकास अधिकारी, लेखपाल, ग्राम सचिवों को निर्देश दिये कि किसानों से समन्वय स्थापित कर पराली को गांव गांव से एकत्रित करते हुए गौशालाओं में पहंुचायें। उन्होंने कहा कि जो किसान पराली दान करेगा, उसे जिले में सम्मानित किया जायेगा।


श्री खरे ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्राथमिक पाठशालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को छुट्टी होने से पूर्व शिक्षकों द्वारा पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाये, ताकि विद्यार्थीगण अपने अभिवावकों को यह सन्देश दे पायें कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी इसका गम्भीर असर पड़ता है।


बैठक में जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये कि समस्त धान एवं बाजरा के क्रय केन्द्र समय पर खुलेंगे और प्रत्येक केन्द्र पर सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायेंगी। उन्होंने बताया कि जनपद में 18 धान क्रय केन्द्र तथा 08 बाजरा क्रय केन्द्र खोले गये हैं। क्रय अवधि दिनांक 01 अक्टूबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक है। क्रय केन्द्र प्रातः 09 से सांय 05 बजे तक खुले रहेंगे। इस वर्ष कॉमन धान का मूल्य रू0 2040 और ग्रेड ए का मूल्य रू0 2060 प्रति कुंटल है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये यदि कोई केन्द्र पर अनियमितता पायी जाती है, तो संबंधित केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।


बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0रा0), जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी मॉट, क्षेत्रीय अधिकारी उवप्रव प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, जनपद के समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं सी०एच०सी० तथा एफ०एम०बी० के लाभार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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