मथुरा। अवादा समूह की समाज कल्याण शाखा अवादा फाउंडेशन अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘उत्कृष्ट शिक्षा अभियान’ के माध्यम से छात्रों में नैतिक और सामाजिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान की। अवादा फाउंडेशन ने अपने उत्कृष्ट शिक्षा अभियान के तहत जीएलए विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के लिए दो दिवसीय ‘बी अ चैंपियन’ और ‘टीचिंग टू ट्रांसफॉर्म लाइफ’ कार्यक्रमों का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम को अवादा फाउंडेशन के डायरेक्टर और पीक परफॉर्मेंस माइंडसेट के विशेषज्ञ एवं वैश्विक विचारक डॉ. अरुण भारद्वाज ने संबोधित किया। उत्कृष्ट शिक्षा अभियान कार्यक्रम उनके द्वारा विशेष रूप से छात्रों को प्रेरित करने के लिए तैयार किया गया है, जिससे कि वह असफलताओं से निराश न होकर अपने अंदर छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर भारतीय एवं प्राचीन ज्ञान एवं दृष्टांत से प्रेरणा लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। साथ ही शिक्षकों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ साथ शिक्षण में नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है जिससे कि विद्यालयों में किताबों के अलावा अन्य रोचक विधियों से शिक्षण किया जा सके। साथ शिक्षण में नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है जिससे कि कक्षाओं को प्रेरणादायक बनाया जा सकें और छात्रों को भविष्य की दुविधाओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के जीवन में भारतीय मूल्यों की नींव रखना और यह सुनिश्चित करना है कि छात्र न केवल सीखें, बल्कि दैनिक जीवन में भारतीय परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति का पालन भी करें। नैतिक मूल्यों पर आधारित उत्कृष्ट शिक्षा अभियान वर्तमान कक्षा शिक्षा से भिन्न है। आजकल के बदलते समय में मूल्यों का क्षरण हो रहा है तब , भारत की समृद्ध परंपरा पर आधारित इस तरह के कार्यक्रम से निश्चित रूप से समाज को लाभ होगा। इस कार्यक्रम में न्यूरोसाइंस, मॉडर्न रिसर्च, प्राचीन ज्ञान और अनुभवों से आधारित सिद्धांतों का अनुभवात्मक रूप प्रस्तुत किया गया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को अकादमिक क्षेत्र में अग्रणी बनने और छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है।
अवादा फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा के स्तर में सुधार ,गावों के विद्युतीकरण, सामाजिक समस्याओं के निराकरण की जागरूकता, वृक्षारोपण ,निर्बल एवं गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य कर रहा है।
डॉ. भारद्वाज के साथ संवाद सत्र के दौरान छात्रों को अपने डर पर विजय पाने, अपनी ताकत की पहचान करने और असुरक्षा की भावना पर काबू पाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। छात्रों के आत्मविश्वास को और बढ़ाने और बिना किसी डर के अपने मुद्दों के बारे में खुलकर बात करने में मदद करने के लिए कई गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। सत्र ने उन्हें यह समझने में भी मदद की कि कैसे एक सकारात्मक दृष्टि के साथ जीवन जीना है, साथियों के दबाव को कैसे संभालना है, कैसे आत्म-सम्मान का एहसास करना है और आत्मविश्वास हासिल करना है और एक अच्छा, सफल और खुश इंसान बनना है। लगभग 500 छात्रों और 100 से अधिक शिक्षकों ने इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम में भाग लेकर अपने सीखने और पढ़ाने के अनुभव को बढ़ाया।
जीएलए के प्रतिकुलपति अनूप कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि अवादा फाउंडेशन द्वारा शिक्षकों और छात्रों के लिए आयोजित दोनों ही सेशन्स प्रेरणादायक रहे। वह हमेशां लोगों को बताते हैं कि एक अच्छा शिक्षक सिर्फ पढ़ाता है। उससे बेहतर शिक्षक अपनी बात को आचरण और व्यवहार में अमल करता है और सर्वश्रेष्ठ शिक्षक प्रेरित करता है। डॉ. अरुण भारद्वाज निश्चित रूप से श्रेष्ठ शिक्षक की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने अपने विशेष ज्ञान रूपी पंखुड़ियों को उदारतापूर्वक बांटा छात्रों और शिक्षकों को ये मौका दिया कि वे उस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा बटोर सके। ऐसा लगा मानो उनके पास ज्ञान का असीमित भंडार है। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अवादा फाउंडेशन की ट्रस्टी रीतू पटवारी ने फाउंडेशन के चेयरमैन विनीत मित्तल जी की इस धारणा का उल्लेख किया कि अपने अच्छे कार्यों के द्वारा ही मनुष्य अपने माता पिता, समाज एवं संस्कृति, संतों एवं ऋषि मुनियों एवं प्रकृति का ऋण चुका सकता है।
राजकीय विद्यालयों में सुधार के लिए समाज और सरकार की भागीदारी की आवश्यकता को अनुभव करते हुए अवादा फाउंडेशन ने, जो कि पहले से ही महाराष्ट्र, राजस्थान उत्तरप्रदेश, गुजरात एवं अन्य कई राज्यों में शिक्षा का स्तर एवं भौतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर सीखने के माहौल का निर्माण कर रहा है मथुरा क्षेत्र के पांच विद्यालयों को गोद लेने का निर्णय किया है।
उत्कृष्ट शिक्षा अभियान एक शोध और साक्ष्य-आधारित कार्यक्रम है, जो युवाओं और शिक्षकों के बीच सीखने और मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। कार्यक्रमों की पहली कड़ी के तौर अवादा ने 29 जुलाई से 4 अगस्त 2022 तक उत्तराखंड के ऋषिकेश के 12 स्कूलों में विविध गतिविधियां आयोजित की गई थीं।