Thursday, November 28, 2024
Homeशिक्षा जगतचिकित्सा की प्राकृतिक प्रणाली है आयुर्वेदः डॉ. लीलाधर गुप्ता

चिकित्सा की प्राकृतिक प्रणाली है आयुर्वेदः डॉ. लीलाधर गुप्ता

  • जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को दी स्वस्थ रहने की सलाह


मथुरा। धन्वंतरि धाम, मथुरा के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. लीलाधर गुप्ता ने सोमवार को जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राकृतिक प्रणाली है जोकि भारत में तीन हजार साल पहले से प्रचलित है। आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली जीवन के ज्ञान का अनुवाद करने के साथ ही हमारी आधुनिक जीवन शैली, स्वास्थ्य-उन्मुख आदतों को प्राकृतिक पदार्थों, दवाओं और जड़ी-बूटियों के उपयोग के प्राचीन ज्ञान के साथ मिलाती है ताकि हमें स्वस्थ, सुखी, तनावमुक्त तथा रोगमुक्त जीवन जीने में मदद मिल सके।


डॉ. गुप्ता ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह सुबह जल्दी जगें, व्यायाम करें, पढ़ाई के दौरान अपना ध्यान केंद्रित करें तथा टेलीविजन और सोशल मीडिया पर अधिक समय बर्बाद न करें। इतना ही नहीं उन्होंने सुबह जल्दी जगने तथा समय से सोने के शारीरिक फायदे भी बताए। डॉ. गुप्ता ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार जरूरी है। संतुलित आहार शरीर को मजबूत बनाता है तथा रोगों से लड़ने के लिए उसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही संतुलित आहार दिमाग को तेज तथा स्वस्थ बनाता है, जिससे आप मानसिक रूप से भी मजबूत बनते हैं। स्वस्थ संतुलित आहार से आप घर हों या स्कूल-कॉलेज सभी जगह अच्छा महसूस करेंगे।


इस अवसर पर डॉ. गुप्ता ने आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली पर छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों का समाधान भी किया। एक छात्र ने पूछा कि हमें भोजन कैसे करना चाहिए तथा भोजन करने में कितना अन्तर होना चाहिए। इस सवाल के जवाब में डॉ. गुप्ता ने बताया कि नाश्ता, दोपहर का भोजन तथा रात के भोजन में कम से कम तीन से चार घंटे का अन्तराल होना आवश्यक है। खाने को ज्यादा से ज्यादा चबा-चबाकर करना चाहिए तथा खाने के एक घण्टे बाद ही पानी पीना चाहिए।
डॉ. लीलाधर गुप्ता ने युवा पीढ़ी को आगाह किया कि वे सोशल मीडिया पर अधिक समय न दें। इससे जहां उनमें मानसिक भटकाव की स्थिति निर्मित होगी वहीं उनका दैनिक जीवन भी प्रभावित होगा।

डॉ. गुप्ता ने छात्र-छात्राओं से चाय-कॉफी, धूम्रपान तथा मदिरापान से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि युवा जंक फूड, तली-भुनी चीजों से भी दूर रहें तथा हेल्दी खाना खाएं। उन्होंने टेंशन और स्ट्रेस से दूर रहने तथा प्रतिदिन योगा करने और खूब पानी पीने की भी सलाह दी। अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बेशकीमती समय और सलाह देने के लिए वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. लीलाधर गुप्ता का आभार माना।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments