आगरा के ताजगंज क्षेत्र में स्थित एक होटल से पकड़ी गईं उज्बेकिस्तान की दो युवतियों ने पहले खुद को भारतीय बताया। आधार कार्ड भी दिखाए, लेकिन जब पुलिस ने उनसे कहा कि यह फर्जी हैं, तब उन्होंने सच्चाई बताई। मोबाइल में पासपोर्ट दिखाया। तब पता चला कि दोनों उज्बेकिस्तान की रहने वाली हैं।
वह शनिवार को ही दिल्ली से आगरा ताजमहल देखने आने की बात कर रही थीं। वो यह नहीं बता सकी हैं कि भारत कब आई थीं, उनके परिचित कौन लोग हैं, एक युवती ने दिल्ली के युवक से शादी भी रचा रखी है। उसके पति को गिरफ्तारी की जानकारी भी दी गई है, लेकिन, वह थाने नहीं पहुंचा। पुलिस ने मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचना और विदेशियों विषयक अधिनियम की धारा 14 में मुकदमा दर्ज किया गया। युवतियों को रविवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि युवतियों ने आधार कार्ड कहां से बनवाए।
सीओ सदर अर्चना सिंह ने बताया कि ताजगंज स्थित होटल द एंपायर 15 दिन पहले ही खुला है। उसमें उज्बेकिस्तान की रहने वाली दिलयारा और मैक्सरारामक्सन ने शनिवार दोपहर 1.45 बजे कमरा लिया था। अपनी आईडी के रूप में आधार कार्ड लगाए थे। पुलिस को जानकारी मिली थी कि विदेशी युवतियां फर्जी आधार कार्ड पर ठहरी हैं। इस पर पुलिस टीम होटल पहुंची।
होटल मैनेजर ने बताया कि युवतियों को कमरा नंबर 209 में ठहराया गया। उनकी रजिस्टर में भी एंट्री की गई थी। आईडी की फोटोकॉपी भी ली गई। पुलिस ने दोनों विदेशी युवतियों से पूछताछ की। वीजा और पासपोर्ट दिखाने को कहा। उन्होंने मोबाइल में पासपोर्ट की फोटो दिखाईं। मूल प्रति दिल्ली में होने की बात कही। वहीं वीजा नहीं दिखा सकीं। इस पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीओ सदर ने बताया कि विदेशी युवतियों ने असली नाम पते को छुपाया। अपने देश के पहचानपत्र नहीं दिखाए। उनके पास से दो मोबाइल, दो आधार कार्ड, 33 हजार रुपये बरामद किए गए। मोबाइल में युवतियों के फोटो मिले हैं। मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों युवतियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।