Monday, November 25, 2024
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जीएलए बीटेक बायोटेक के छात्रों ने किया शैक्षिक भ्रमण

  • जीएलए बीटेक बायोटेक के छात्रों ने किया आईसीएआर के संस्थानों का भ्रमण


मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बीटेक बायोटेक के छात्रों ने आईसीएआर करनाल, सीपीआरआइ शिमला, डीएमआर सोलन का शैक्षिक भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने मशरूम, आलू और पशुधन उत्पादन के बारे में जानकारी जुटायी।


अपने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम बीटेक बायोटेक के छात्रों ने आईसीएआर-राश्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो करनाल का भ्रमण किया। जहां छात्रों ने जानवरों में आनुवंशिकता, भिन्नता और चिकित्सा आदि के बारे में जाना। इसके साथ ही भैंस और देशी पशुओं में दुग्ध श्रावण संबंधी जीव विज्ञान के पहलुओं का अध्ययन करने के लिए गैर इनवेसिव उपकरण के बारे में जानकारी हासिल की। यह सम्पूर्ण जानकारी छात्रों को आईसीएआर-एनबीएजीआर की डाॅ. सोनिका अहलावत ने दी।


केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला के भ्रमण के दौरान छात्रों को डाॅ. शमीर वर्मा ने बातया कि सीपीआरआई आईसीएआर के तहत एक गैर-लाभकारी वैज्ञानिक संस्थान है और विशेष रूप से आलू की फसल पर काम कर रहा है। उन्होंने छात्रों को आलू की स्थायी उत्पादकता, गुणवत्ता और उपयोग को बढ़ाने के लिए बुनियादी, रणनीतिक और व्यावहारिक अनुसंधान के बारे में भी बताया। इस दौरान छात्रों ने आलू को उगाये जाने से संबंधित कई मषीनों को देखा और उनके बारे में विस्तार से जानकारी ली।


खुम्ब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन के भ्रमण के दौरान डाॅ. सतीश ने छात्रों को केन्द्र की गतिविधियों एवं कृषि विषय की विस्तृत वैज्ञानिक जानकारी देकर वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देते हुए छात्रों के जिज्ञासा भरे प्रश्नों का सरल एवं सुबोध भाषा में समाधान किया तथा कृषि विज्ञान क्षेत्र में उच्च अध्ययन हेतु अभी से खूब मेहनत के साथ पढ़ने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने केन्द्र द्वारा मशरूम जर्मप्लाज्म के संग्रह, पहचान, संरक्षण और आनुवंशिक लक्षण वर्णन, उच्च उपज देने वाली किस्मों के विकास, विभिन्न खाद्य मशरूम की उत्पादन प्रौद्योगिकियों में सुधार, नई विशेषता मशरूम के लिए विकसित प्रौद्योगिकी, एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, कटाई और उसके बाद कमाई के बारे में भी छात्रों को बताया।


अपने शैक्षणिक भ्रमण से लौटे छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रबंधन तंत्र और विभागाध्यक्ष को धन्यवाद दिया। इस दौरान विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा कि छात्र ने अध्यापकों के नेतृत्व में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक भ्रमण किया। ऐसे षैक्षणिक भ्रमण से पढ़ाई से अलग हटकर तकनीकी और प्रायोगिक ज्ञान छात्रों को हासिल होता है। विभागाध्यक्ष ने बताया कि यह भ्रमण विभाग के शिक्षक डाॅ. प्रदीप चैधरी और डाॅ. अंजना गोयल के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

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