- छात्र-छात्राएं करें गुरु नानक देवजी की शिक्षा और संदेश पर अमलः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
मथुरा। श्री गुरु नानक देवजी के प्रकाशोत्सव पर्व से एक दिन पहले राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच हर्षोल्लास से गुरु नानक जयंती मनाई गई। प्रकाशोत्सव पर्व की शुरुआत सुभाष व नेहरू सदन द्वारा एक विशेष प्रार्थना सभा के साथ हुई। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने गुरु नानक देवजी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला।
सोमवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में गुरु नानक जयंती हर्षोल्लाष के साथ मनाई गई। नन्हें-मुन्ने छात्र-छात्राओं ने मनमोहक गिद्दा नृत्य प्रस्तुत कर सभी की वाहवाही लूटी वहीं उन्होंने शब्द-कीर्तन भी प्रस्तुत किया। इसके बाद मायरा और गुरसीमन ने गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डाला। गुरुसीमन ने बताया कि गुरु नानक देवजी सिख धर्म के पहले गुरु हैं। इन्हें नानक देव, बाबा नानक और नानक शाह के नाम से भी जाना जाता है। लद्दाख और तिब्बत के इलाकों में उन्हें नानक लामा कहा जाता है।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि गुरु नानक देव का जन्म साल 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इसीलिए इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानकजी ने समाज को जीवन से जुड़े कई उपदेश दिए जिनका आज भी लोग पालन करते हैं। गुरु नानक देवजी ने भारत के अलावा अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी अपने उपदेश दिए। उनकी निजी जिन्दगी की बात करें तो उनकी शादी 16 साल की उम्र में सुलक्खनी से हुई और उनके दो बेटे श्रीचंद और लखमीदास हुए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को प्रकाशोत्सव पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व एकता और भाईचारे का प्रतीक है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को गुरु नानक देवजी के संदेश और शिक्षा पर अमल करते हुए समाज में आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। संस्थान के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी को गुरु पर्व पर बधाई दी और सर्वधर्म समभाव रखने का आह्वान किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि गुरु नानक देवजी ने जीवन भर मानवता के लिए कार्य किया। उनके कार्य और संदेश आज भी सभी के लिए अनुकरणीय हैं।