Sunday, November 24, 2024
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संस्कृति विवि में शुरू होंगे एक्टिंग प्रशिक्षण कोर्स, रजि. शुरू

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में अगले माह से एक्टिंग टीचिंग क्लासेज शुरू होने जा रही हें। तीन और छह माह के इन कोर्सेज में संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के अलावा जन सामान्य के इच्छुक जो किसी भी उम्र के हों, प्रवेश ले पाएंगे। अभिनय का प्रशिक्षण बालीवुड के जाने माने निर्देशक एवं अभिनेता प्रकाश भारद्वाज एवं उनकी टीम देगी।

यह जानकारी आज संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ‘एक्टिंग मास्टर क्लास’ में स्वयं प्रसिद्ध निर्देश प्रकाश भारद्वाज ने दी। एक्टिंग मास्टर क्लास के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए कहा कि दुनिया का हर कलाकार अपनी जिदगी से ही अभिनय की प्रेरणा लेता है और सीखता है। हमारी जिंदगी में तरह-तरह की संवेदनाओं, भावनाएं होती हैं, इन्ही भावनाओं को हम जीते हैं। जो रीयल लाइफ में भावनाओं को जीते हैं उन्हें अभिनय में दिक्कत नहीं आती। उन्होंने कहा कि भावनाओं को सही ढंग से प्रस्तुत करना ही अभिनय नहीं है, भावनाओं को छुपाना भी अभिनय ही है। अभिनय एक कला है जिसके माध्यम से किसी भी किरदार को निभाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभिनय के लिए चरित्र को समझना होता है। चरित्र को समझने के लिए अवलोकन, आत्मसात करना और उसका प्रोजेक्शन करना सीखना होता है। उन्होंने कहा कि अभिनय बहुत व्यवहारिक कला है। अभिनय में अभिनय करने वाला कभी अच्छा अभिनेता नहीं बन पाता।

मास्टर क्लास के दौरान विद्यार्थियों में से छात्रा शिवानी, लहर शर्मा, निमिषा स्वरूप, सृजन साक्षी, छात्र सलमान अंसारी, दिवाकर ने आगे बढ़कर निर्देशक प्रकाश भारद्वाज के सवालों का सामना करते हुए अपनी नैसर्गिक अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया। निर्देश प्रकाश भारद्वाज ने इन विद्यार्थियों को एक सिचुएशन क्रिएट कर उसमें अभिनय करने का मौका दिया। छात्र दिवाकर शर्मा और सृजन साक्षी के द्वारा किए गए अभिनय की स्वयं निर्देशक प्रकाश भारद्वाज ने और वहा मौजूद शिक्षकों ने तारीफ की।


एक्टिंग मास्टर क्लास में मौजूद संस्कृति विवि की विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि अभिनय प्रशिक्षण कोर्सेज में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। रजिस्ट्रेशन विवि की वेबसाइट पर दिए गए लिंक में जाकर कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन क्लासेज में कोई भी प्रवेश ले सकता है उसका विवि का विद्यार्थी होना जरूरी नहीं है। कार्यक्रम में मौजूद संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा. रजनीश त्यागी ने भी विचार व्यक्त किए।

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