मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय की द्वितीय एल्युमिनाई मीट ‘सुज्ञान’ में पहुंचे एल्युमिनाई पुरानी यादों को ताजा कर प्रफुलित हो उठे। इस मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि बिरला इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के डाइरेक्टर डा. हरिवंश चतुर्वेदी ने संस्कति एल्युमिनीज को प्रेरित करते हुए कहा कि आप इस विवि के ब्रांड एंबेस्डर हैं और आपकी यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के प्रति इंपेथी(समानुभति) होनी चाहिए।
मुख्य अतिथि डा. चतुर्वेदी ने संस्कृति विवि के एल्युमिनाई को कहा कि वे ही हैं जो अपने शिक्षण संस्थान का नाम विश्व में रौशन कर सकते हैं। आपका अच्छा काम आपके विवि को ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि मैं मथुरा शहर से हूं, आज यह देखकर मेरा ह्रदय गर्व से भर जाता है कि मेरे शहर में शिक्षा के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर रहा है। यहां इतनी समर्थ और सभी संसाधनों से युक्त शिक्षण संस्थाएं स्थापित हो रही हैं। ये शिक्षण संस्थाएं तेजी से तरक्की कर रही हैं। आपके पास बहुत अच्छा नाम हो लेकिन उसका महत्व तभी है जब अन्य लोग उस नाम की वेल्यू को जान सकेंगे। उन्होंने अपने संस्मरणों के साथ बताया कि ब्रांडिंग तभी रंग लाती है जब वह सकारात्मक हो।
समारोह में संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि हमको मुख्य अतिथि के रूप में ऐसे व्यक्तित्व को सुनने का मौका मिला है जिनके शिष्य देश-दुनिया के कोने कोने में हैं और उनका नाम रौशन कर रहे हैं। सिर्फ छह वर्ष पुरानी हमारी युनिवर्सिटी के आप शुरुआती ब्रांड एंबेस्डर हैं, आप सबका यहां आने पर स्वागत है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कहीं भी रहें, काम करें, अपनों से जुड़े रहें। परिवार के साथ रोज बातचीत करें, साल में एक बार अपने संस्थान में आएं, अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने विवि के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें, उन्हें रोजगार दिलाएं। उन्होंने एल्युमिनाई को अपनी क्षमता के विकास के लिए अच्छी नींद लेने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे आपकी कार्य करने की शक्ति बढ़ेगी।
इस मौके पर संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा.रजनीश त्यागी ने कहा कि एल्युमिनाई का अपने पुरातन शिक्षण संस्थान से भावनात्मक और व्यावसायिक जुड़ाव होता है। विवि का सीना तब चौड़ा होगा जब आप किसी कंपनी के सीईओ बनेंगे। आप से ही विवि की ब्रांडिंग होती है। उन्होंने माओत्से तुंग के जीवन की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि पौधे को जीवित रखने के लिए जड़ को सिंचित करने का क्या महत्व होता है। आपके पुराने शिक्षण संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों के प्रति आपका नजरिया छोटे भाई जैसा होना चाहिए, उन्हें दिशा दिखाना आपका काम है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. हरिवंश चतुर्वेदी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि डा. चतुर्वेदी को चांसलर डा. सचिन गुप्ता ने शाल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने डा. चतुर्वेदी का परिचय देते हुए उनका स्वागत किया। मंच पर विवि की विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम के समन्वयक संस्कृति प्लेसमेंट सेल के अधिकारी कुलवंत सिंह चावला थे। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग सेल की सीनियर मैनेजर अनुजा गुप्ता ने किया।