डॉ. रोहित शेट्टी ने छात्र-छात्राओं से साझा किए अपने अनुभव
मथुरा। हर इंसान को मुस्कान प्यारी लगती है लेकिन मुस्कराहट में सुन्दर दांतों का अपना महत्व होता है। लैमिनेट विनीर्स असुंदर पूर्वकाल के दांतों का एक रूढ़िवादी उपचार है। दंत सिरेमिक के विकास ने चिकित्सकों को अत्यधिक सौंदर्यपूर्ण और कार्यात्मक चीनी मिट्टी के दंत निर्माण के विकल्प मुहैया कराए हैं। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित सिरेमिक लैमिनेट्स और एडलवाइस कॉन्सेप्ट पर हुई दो दिवसीय कार्यशाला में के.एल.ई. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, बेंगलुरु में प्रोफेसर और एचओडी (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) डॉ. रोहित शेट्टी ने छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों को बताईं। कार्यशाला का शुभारम्भ प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी के स्वागत भाषण तथा विद्या की आराध्य देवी सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर हुआ।
डॉ. शेट्टी ने बताया कि सिरेमिक लैमिनेट्स और एडलवाइस कॉन्सेप्ट के माध्यम से दंत रोगी को बेहतर उपचार और सुन्दरता प्रदान की जा सकती है। प्रसिद्ध प्रोस्थोडॉन्टिस्ट डॉ. शेट्टी ने चिकित्सकों तथा छात्र-छात्राओं को नवीनतम सिरेमिक सामग्रियों की जानकारी दी ताकि वे उनके अनुप्रयोगों को समझने तथा नैदानिक सफलता सुनिश्चित कर सकें। कार्यशाला में चीनी मिट्टी के दंत लिबास की दीर्घकालिक सफलता, सही अनुप्रयोग और नैदानिक सीमाओं का निर्धारण करने वाले महत्वपूर्ण मापदंडों को भी समझाया गया।
डॉ. रोहित शेट्टी ने पहले दिन कॉलेज सभागार में विभाग प्रमुखों और 250 से अधिक प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने लेमिनेट प्रोस्थेसिस के लिए आवश्यक छोटे दांतों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया तथा फिक्स्ड प्रोस्थोडॉन्टिक्स में दांतों की तैयारी के बुनियादी विचारों की समीक्षा की। कार्यशाला में डॉ. शेट्टी ने इम्प्रेशन उत्पन्न करने में शामिल सभी सामग्रियों व नैदानिक प्रथाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए रेजिन सीमेंट्स तथा लेमिनेट प्रोस्थेसिस के सीमेंटेशन के चरणों पर एक प्रस्तुति दी।
डॉ. शेट्टी ने रेखांकित किया कि किसी चीज को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करना उसके बारे में सीखने का सबसे अच्छा तरीका है। प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के प्राध्यापकों, स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने सभी प्रक्रियाओं की प्रस्तुति के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण में भाग लिया। इससे उन्हें लैमिनेट के लिए दांत तैयार करने की उचित विधि के साथ-साथ इसे प्रोविजनलाइज करने में शामिल चरणों को समझने में सहायता मिली। कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ. शेट्टी ने सभी छात्र-छात्राओं के साथ एक दिन पहले सिखाई गई हर चीज की समीक्षा की तथा हर प्रश्न के उत्तर दिए। इसके बाद एडलवाइस अवधारणा पर चर्चा और प्रदर्शन हुआ। कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने डॉ. रोहित शेट्टी का आभार माना तथा डॉ. शेट्टी ने प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाण-पत्र प्रदान किए।